मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा पारित उस आदेश को रद्द कर दिया। जिसमें शीना बोरा की हत्या की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को विदेश यात्रा की अनुमति दी गई थी। इस मामले में सीबीआई की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसमें सीबीआई ने अंदेशा जताया था कि, गंभीर अपराध में आरोपी इंद्राणी मुखर्जी विदेश से भाग सकती हैं।
न्यायमूर्ति श्याम चांडक की सिंगल बैंच ने विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका को इस आधार पर स्वीकार किया कि, इंद्राणी मुखर्जी एक गंभीर अपराध में मुकदमे का सामना कर रही हैं और उनके देश से भागने की संभावना है। कोर्ट ने कहा कि, याचिका स्वीकार की जाती है। विवादित आदेश को रद्द किया जाता है। इसे इंद्राणी के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है
इसलिए इंद्राणी जाना चाहती थीं विदेश
विशेष सीबीआई अदालत ने 19 जुलाई को इंद्राणी मुखर्जी को अगले तीन महीनों के दौरान बीच-बीच में दस दिनों के लिए एक बार यूरोप (स्पेन और यूके) की यात्रा करने की अनुमति दी थी। मुखर्जी ने विदेश यात्रा की परमिशन यह कहकर मांगी थी कि, पूर्व पति पीटर मुखर्जी से तलाक के बाद उन्हें बैंक से संबंधित कुछ दस्तावेजों में बदलाव करने और अन्य सहायक कार्यों की जरूरत है। इसके लिए उनका विदेश जाना जरूरी है।
न्यायमूर्ति चांडक ने कहा कि यदि इंद्राणी मुखर्जी भारत से काम करना चाहती हैं तो संबंधित वैधानिक प्राधिकारी उनकी मदद करेंगे। पीठ ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्होंने मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं की है। केवल इस बात का उल्लेख किया है कि विशेष अदालत का आदेश ठीक नहीं था और इसलिए टिकाऊ नहीं था।
सीबीआई अदालत ने इन शर्तों पर दी थी जमानत
वहीं अनुमति देते समय विशेष अदालत ने इंद्राणी मुखर्जी के लिए कुछ शर्तें भी रखी थीं। अदालत ने कहा था कि अपनी विदेश यात्रा के दौरान, वह अपनी यात्रा के दौरान कम से कम एक बार भारतीय दूतावास या उसके संबद्ध राजनयिक मिशन के कार्यालय में उपस्थित होंगी और उपस्थिति प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगी। अदालत ने उन्हें 2 लाख रुपये की सुरक्षा जमा राशि जमा करने का भी निर्देश दिया।