तिरुपति लड्डू विवाद पर साउथ अभिनेता कार्ति की टिप्पणी पर अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण ने की तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। अब कार्ति ने अपनी टिप्पणी पर माफी मांगी है और सोशल मीडिया पर एक नोट शेयर किया है। अभिनेता कार्ति ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर पवन कल्याण से माफी मांगी, जब आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने तिरुपति लड्डू विवाद पर उनकी टिप्पणियों के लिए उन्हें फटकार लगाई। उनकी माफी के जवाब में पवन कल्याण ने कार्ति के इस कदम की सराहना की।
हाल ही में एक कार्यक्रम में कार्ति ने अपने बयानों के कारण सुर्खियां बटोरीं। उन्होंने तिरुपति लड्डू विवाद को संवेदनशील मुद्दा बताया और इस पर टिप्पणी करने से परहेज किया। कार्ति हैदराबाद में एक कार्यक्रम में शामिल हुए, जिस दौरान एंकर ने कुछ मीम्स पेश किए, जिनमें से एक लड्डू के बारे में था। 23 सितंबर को हैदराबाद में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए अभिनेता ने कहा, ‘हमें अब लड्डू के बारे में बात नहीं करनी चाहिए, यह एक संवेदनशील विषय है।’
आज, 24 सितंबर को विजयवाड़ा में मीडिया से बातचीत करते हुए पवन कल्याण ने कार्ति की टिप्पणी पर अपनी नाराजगी जाहिर की। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने लड्डू पर कार्ति की टिप्पणियों पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा, ‘कल, एक फिल्म कार्यक्रम में उन्होंने तिरुमाला लड्डू का मजाक उड़ाया। यह मेरी उनसे अपील है। तिरुमाला लड्डू के बारे में बोलने से पहले आपको 100 बार सोचना चाहिए। यह कोई मजाकिया विषय नहीं है। मैं अभिनेता के तौर पर आपका सम्मान करता हूं, लेकिन आपको सनातन धर्म के खिलाफ ऐसी टिप्पणियां बंद करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि अगर फिल्म उद्योग के लोग इस मामले पर चर्चा करना चाहते हैं तो उन्हें या तो इसका समर्थन करना चाहिए या फिर इस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। पवन ने लोगों से इस मामले पर सार्वजनिक मंचों पर टिप्पणी करने से बचने का आग्रह किया और कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है। कार्ति की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पवन ने कहा, ‘ऐसा कहने की कभी हिम्मत मत करना।’
पवन कल्याण की प्रतिक्रिया वायरल होने के तुरंत बाद कार्ति ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी। उन्होंने पोस्ट साझा करते हुए लिखा, ‘प्रिय पवन कल्याण सर, आपके प्रति गहरी श्रद्धा रखते हुए मैं अनजाने में हुई किसी भी गलतफहमी के लिए माफी मांगता हूं। भगवान वेंकटेश्वर के एक विनम्र भक्त के रूप में मैं हमेशा अपनी परंपराओं को प्रिय मानता हूं। सादर प्रणाम।’