लखनऊ: नोएडा में लोटस-300 प्रोजेक्ट का निर्माण करने वाली हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशकों और नोएडा अथॉरिटी के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोहिंदर सिंह (सेवानिवृत्त आईएएस) के ठिकानों से ईडी ने कुल 42.56 करोड़ रुपये की नकदी, हीरे और सोने के जेवरात बरामद किए हैं। बृहस्पतिवार को दिल्ली, नोएडा, मेरठ, चंडीगढ़, गोवा के 12 ठिकानों पर छापे खत्म होने के बाद ईडी ने इसका खुलासा किया है।
मोहिंदर सिंह के आवास से 5.26 करोड़ रुपये का सॉलिटियर हीरा भी बरामद हुआ है। वहीं, उनकी पत्नी पर करोड़ों रुपये के 35 हीरे अमेरिका ले जाने का शक है। सूत्रों के मुताबिक मोहिंदर की मिलीभगत से हैसिंडा के निदेशकों ने प्रोजेक्ट में निवेश करने वालों के साथ 426 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। इस रकम को बाद में मनी लॉन्डि्रंग के जरिये हीरे व सोने के आभूषणों व निजी संपत्तियों में निवेश किया गया।
निवेशकों को नहीं दिए फ्लैट
हैसिंडा ने निवेशकों से रकम लेने के बाद भी उनको फ्लैट नहीं दिए थे। इसके बाद कई निवेशकों ने मुकदमे दर्ज करा दिए। तत्पश्चात इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ईडी को पूरे प्रकरण की जांच करने का आदेश दिया था। ईडी ने कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ मनी लॉन्डिंग का केस दर्ज करने के बाद बीते मंगलवार को छापे मारे थे। इसमें 42.56 करोड़ रुपये की नकदी व आभूषण और करोड़ों की संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज एवं इलेक्ट्रानिक साक्ष्य भी उनके कार्यालय और आवासीय परिसर से बरामद किए हैं। इस दौरान हैसिंडा प्रोजेक्ट के साथ मेसर्स क्लाउड 9 प्रोजेक्ट्स के संचालकों के ठिकानों पर भी छानबीन की गई। इनमें मोहिंदर के साथ सुरप्रीत सिंह सूरी, विदुर भारद्वाज, निर्मल सिंह, आदित्य गुप्ता व अन्य शामिल थे।
दिल्ली के ज्वेलर्स से खरीदे थे हीरे
जांच में सामने आया कि मोहिंदर ने बेशकीमती हीरे दिल्ली के एक बड़े ज्वेलर्स से खरीदे थे। उसने पूछताछ में बताया कि पीसी ज्वेलर्स के संचालकों से उसकी 30 वर्ष से मित्रता है। नकदी ज्यादा होने से उन्होंने हीरे में निवेश किया था। ईडी को उनके आवास से 35 हीरों के सर्टिफिकेट भी मिले हैं, हालांकि हीरे बरामद नहीं हुए। अधिकारियों को शक है कि कुछ दिन पहले मोहिंदर की पत्नी इन हीरों को साथ लेकर अमेरिका शिफ्ट हो गई हैं।