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‘एक देश-एक चुनाव’ पर सियासी संग्राम; भाजपा और जयंत बचाव में उतरे तो बीजद हुई हमलावर

नई दिल्ली :  मोदी सरकार की कैबिनेट द्वारा वन नेशन वन इलेक्शन के मसौदे को मंजूरी देने के बाद सियासी तूफान आ गया है। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। जिसके बाद अब सरकार की ओर से अलग-अलग दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा कि, देश को मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम है। वहीं मोदी सरकार में मंत्री और लोकदल के चीफ जयंत चौधरी ने कहा कि, विपक्ष ‘आलोचना करने में जल्दबाजी कर रहा है’ और टिप्पणी करने से पहले इस मुद्दे पर विचार करने की जरूरत है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का निर्णय राष्ट्र निर्माण और संघवाद को और मजबूत करेगा। यह डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर और अन्य नीति निर्मातोओं द्वारा हमें दिए गए हमारे संविधान की मूल भावना और पवित्रता को भी महत्वपूर्ण रूप से पुनः प्राप्त करेगा। जब पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किया, तो इसने संविधान के मूल आदर्शों को फिर से स्थापित किया था, जिन्हें कांग्रेस ने धोखा दिया था।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने हमेशा एक साथ चुनाव कराने की परिकल्पना की थी। लेकिन एक साथ चुनाव कराने पर कोई बहस नहीं हुई क्योंकि यही हमारा आगे बढ़ने का तरीका था। किसी ने यह नहीं सोचा था कि इंदिरा गांधी की कांग्रेस जैसी कोई पार्टी लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को बेरहमी से गिरा देगी और उन्हें उखाड़ देंगी। केसवन ने आगे कहा, 1952 से 1967 तक, एक साथ चुनाव हुए लेकिन इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार ने निर्वाचित राज्य सरकार को लगभग 39 बार गिरा दिया। जिससे एक साथ चुनावों का चक्र टूट गया। यहीं नहीं, उन्होंने आपातकाल सिर्फ इसलिए लगाया ताकि वह अपना कार्यकाल जारी रख सकें। यही कारण है कि कांग्रेस अपने अतीत के पापों के कारण परेशान है।

सरकार के बचाव में उतरे जयंत

आरएलडी चीफ और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि, कैबिनेट ने एक फैसला लिया है। इसके बारे में काफी विचार-विमर्श किया गया था। विपक्ष को कोई बयान देने से पहले इसके बारे में सोचने की जरूरत है। सरकार लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बेहतरीन फैसले ले रही है।