भारत के ऊर्जा मंत्री हरदीप पुरी ने ह्यूस्टन में विश्व की ऊर्जा जरूरतों पर विचार-विमर्श के लिए आयोजित एक बहुराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि अगले दो दशकों में भारत वैश्विक ऊर्जा मांग में 25 प्रतिशत का योगदान देगा।52वीं गैसटेक प्रदर्शनी और सम्मेलन मंगलवार को जॉर्ज आर ब्राउन कन्वेंशन सेंटर में भारत सहित विश्व के पांच प्रमुख ऊर्जा मंत्रियों की रणनीतिक अंतर्दृष्टि के साथ शुरू हुआ।
‘विजन, नवाचार और कार्रवाई के माध्यम से ऊर्जा में परिवर्तन’ विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में वैश्विक ऊर्जा स्थिरता और तीव्र डीकार्बोनाइजेशन की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया।
अपने मुख्य भाषण में केन्द्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में भारत की बढ़ती प्रभावशाली भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “यदि वैश्विक मांग एक प्रतिशत बढ़ रही है, तो हमारी मांग तीन गुना तेजी से बढ़ रही है। अगले दो दशकों में भारत ऊर्जा मांग में वैश्विक वृद्धि में 25 प्रतिशत का योगदान देगा।”
उन्होंने भारत की चुनौती को “ऊर्जा त्रिविधता” के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने उपलब्धता, सामर्थ्य और सफल हरित परिवर्तन के बीच संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। पुरी ने कहा, “हमें हरित परिवर्तन को प्रबंधित करने और इसमें सफलता प्राप्त करने की अपनी क्षमता पर पूरा भरोसा है।”
सम्मेलन के उद्घाटन मंत्रिस्तरीय पैनल में अमेरिका, भारत, मिस्र, नाइजीरिया और तुर्की के अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक और उद्योग चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया।अमेरिका के ऊर्जा संसाधन मामलों के सहायक विदेश मंत्री जेफ्री पायट ने वैश्विक ऊर्जा प्रवाह को स्थिर करने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में संयुक्त राज्य अमेरिका की भूमिका पर जोर दिया।