वाराणसी: सांस्कृतिक राजधानी काशी से देश की राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में 624 सीटें बढ़ जाएंगी। प्रयागराज और कानपुर होकर दिल्ली आवाजाही करने वाली दोनों वंदे भारत में चार-चार कोच बढ़ाएं जा रहे हैं। पहले सिर्फ एक ही ट्रेन में यह व्यवस्था हो रही थी, लेकिन रेलवे बोर्ड ने दोनों ट्रेन में चार-चार कोच बढ़ाए जाने का आदेश दिया है।
इस प्रकार 16-16 कोच वाली वंदे भारत 20-20 कोच से लैस होकर चलेंगी। एक कोच में 78 सीटें होंगी। इस तरह आठ कोच में 624 बर्थ यात्रियों को मिलेगा। 22315 वंदे भारत एक्सप्रेस सुबह 6 बजे कैंट स्टेशन से रवाना होकर दोपहर 2 बजे दिल्ली पहुंचती है।
वहीं, 22435 वंदे भारत एक्सप्रेस अपराह्न तीन बजे कैंट से खुलती है और रात 11 बजे दिल्ली पहुंचती हैं। उधर, दिल्ली से सुबह छह बजे 22436 वंदे भारत रवाना होती है। दोपहर 2 बजे वाराणसी कैंट पहुंचती है। अपराह्न तीन बजे 22416 वंदे भारत रवाना होकर रात 11 बजे कैंट पहुंचती है।
आने वाले दशहरा, दिवाली और छठ पूजा में लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को इस व्यवस्था से बहुत राहत होगी। रेल अधिकारियों के अनुसार आने वाले समय में अन्य महत्वपूर्ण ट्रेनों में भी स्लीपर और वातानुकूलित कोच की संख्या बढ़ाए जाएगी। 16 सितंबर की शाम 4 बजे कैंट स्टेशन से दोनों रैक का शुभारंभ होगा।
लंबी दूरी की ट्रेन का प्रयागराज तक होगा ट्रायल
20 कोच से लैस होकर भले ही वंदे भारत चलेगी, लेकिन ट्रायल सबसे छोटी दूरी के लिए होगा। कैंट वाराणसी से शुभारंभ के बाद वंदे भारत पहले ठहराव यानी प्रयागराज में 15 मिनट गुजारने के बाद पुन: कैंट लौट आएगी। उत्तर रेल अधिकारियों ने 15 और 16 सितंबर को वंदे भारत शुभारंभ की तैयारियों की शुक्रवार को समीक्षा की। विभागवार अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियां तय की गईं।