Thursday , November 7 2024
Breaking News

आगरा में 1200 औद्योगिक इकाइयों पर संकट, देने होंगे 50 साल पुराने रिकॉर्ड…नहीं तो आवंटन होंगे निरस्त

आगरा: आगरा के फाउंड्री नगर और सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र में चल रहीं करीब 1200 औद्योगिक इकाइयों के संचालन पर संकट खड़ा हो गया है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने भूखंड स्वामियों से 40-50 साल पुराने रिकॉर्ड तलब किए हैं। नोटिस दिया है कि ऐसा नहीं करने पर भूखंड के आवंटन निरस्त कर दिए जाएंगे।

यूपीसीडा ने फाउंड्री नगर और सिकंदरा क्षेत्र में करीब 1200 भूखंडों को उद्योगों के लिए 99 साल की लीज पर दिए थे। इनके संचालकों को नोटिस देकर आवंटित होने वाले दिन से संबंधित व्यापार से जुड़े रिकॉर्ड और अन्य प्रमाणपत्रों को निवेश मित्र पोर्टल पर अपलोड करने के लिए नोटिस दिए हैं। इससे जुड़े सभी दस्तावेज नहीं होने से व्यापारी चिंतित हैं। इनका तर्क है कि बरसों पुराने सभी रिकॉर्ड जुटा पाना संभव नहीं है। व्यापारी वर्तमान या कुछ साल पुराने रिकॉर्ड उपलब्ध कराने की बात कह रहे हैं। इसके लिए संबंधित विभाग के अफसरों से भी मिल चुके हैं। यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक सीके मौर्य का कहना है कि शासन ने प्राधिकरण की ओर से आवंटित इकाइयों से जुड़े दस्तावेज और उत्पादन प्रमाणपत्रों को वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। ऐसा नहीं करने पर भूखंड को रिक्त मानते हुए निरस्त कर दिया जाएगा।

ये मांगे हैं रिकॉर्ड:
– मीटर सीलिंग सर्टिफिकेट।
– बिजली के बिल।
– क्रय-विक्रय संबंधी बिल।
– मशीनरी के बिल।
– पीएमटी पार्ट-दो।
– कर निर्धारण।
– जीएसटी पंजीकरण संख्या।
– जीएसटी रिटर्न।
– उद्यम आधार।
– अग्निशमन विभाग की एनओसी।
– शिपिंग बिल।
– स्वीकृत मानचित्र की प्रति।
– प्रोपराइटरशिप फर्म (यदि लागू हो)
– पार्टरनशिपडीड (यदि लागू हो)
– वर्तमान कंपनी का मेमोरेंडम एवं निवेशकों और अंशधारकों की सीए से प्रमाणित सूची।

सालों पुराने 15 बिंदुओं पर रिकाॅर्ड देना असंभव
नेशनल चैंबर अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता का कहना है कि यूपीसीडा की 40-50 साल पुराने रिकाॅर्ड मांगना अव्यवहारिक है। इतने पुराने रिकाॅर्ड किसी भी व्यापारी के लिए आसान नहीं है। ऐसे में अधिकारियों को अपनी समस्या बता चुके हैं।