मुरादाबाद:मुरादाबाद जिले में कुत्ते खूंखार हो गए हैं। पिछले तीन महीने में चार हजार से अधिक लोगों पर कुत्तों ने हमला किया। इसमें हर तीसरा पीड़ित बच्चा शामिल है। बच्चों की संख्या 1500 से अधिक रही। कुत्तों के हमले के शिकार इन लोगों ने जिला अस्पताल में एआरवी (एंटी रेबीज वैक्सीन) लगवाई है।
गांवों से लेकर शहर तक खूंखार कुत्ते मासूम बच्चों को अपना शिकार बना रहे हैं। इसके बावजूद नगर निगम कुत्तों की नसबंदी में खानापूर्ति कर रहा है। सैकड़ों कुत्तों का रिकॉर्ड ही नहीं है। शहर की सड़कों पर लगभग 15 हजार कुत्ते घूम रहे हैं। इसी का नतीजा है कि कुत्तों के हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं।
नगर निगम की ओर से कुत्तों की नसबंदी करने वाली कंपनी ने कागजों में तो अच्छा काम किया लेकिन लोगों को इसका उल्टा परिणाम देखने को मिल रहा है। जिला अस्पताल के अलावा जिले की नौ सीएचसी पर भी एंटी रैबीज वैक्सीन लगाई जाती है।
जिला अस्पताल में रोजाना औसतन 100 लोग एआरवी लगवाने पहुंचते हैं। वहीं जिले की सीएचसी पर भी हर दिन औसतन 10 से 12 लोग एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने आते हैं। निजी अस्पतालों में इसी वैक्सीन की एक डोज 300 रुपये में लगाई जाती है। संक्रमण खत्म करने के लिए तीन डोज लगवानी होती हैं।
20 दिन से बंद पड़ा है कुत्तों की नसबंदी का काम
नगर निगम की ओर से जो कंपनी कुत्तों की नसबंदी कर रही थी, उसका टेंडर समाप्त हो चुका है। पिछले 20 दिन से कुत्तों की नसबंदी नहीं हो रही है। इसके कारण शहर में आने वाले दिनों में कुत्तों के काटने की घटनाएं और बढ़ सकती हैं। कंपनी हर दिन 10 से 12 कुत्तों की नसबंदी का दावा करती थी।
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि जहां तक कुत्तों के पंजीकरण का सवाल है तो लोग इसके लिए आगे नहीं आते। पिछले दिनों निगम की ओर से कैंप भी लगाए गए थे। लोगों से पालतू कुत्तों का भी पंजीकरण कराने की अपील की गई है।
24 घंटे से पहले जरूर लगवा लें वैक्सीन
जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. रामकिशोर का कहना है कि कुत्ते के काटने पर इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए। यदि किसी को कुत्ता काटे तो उस जगह को साबुन से करीब आधे घंटे तक धोते रहें। इसके बाद घाव या दांत के निशान वाली जगह को खुला छोड़ देना चाहिए। 24 घंटे के भीतर टिटनेस और एंटी रैबीज वैक्सीन जरूर लगवाएं। यदि घर में पालतू कुत्ता है तो उसे भी जरूरी वैक्सीन लगवानी चाहिए।