दुनिया के कई देश इन दिनों मंकीपॉक्स का संक्रमण झेल रहे हैं। अफ्रीकी देशों से शुरू हुआ ये वायरल संक्रमण यूएस-यूके सहित कई एशियाई देशों में भी बढ़ता जा रहा है। वायरल जूनोटिक रोग से मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कांगो में अब तक 18 हजार से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जबकि कम से कम 610 लोगों की इससे जान जा चुकी है।
हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पड़ोसी देश पाकिस्तान में संक्रमण का पांचवा मामला सामने आया है। मंकीपॉक्स संक्रमण को चूंकि कई मामलों में गंभीर और जानलेवा माना जाता है इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे ‘ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित’ कर दिया था। मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत में भी अलर्ट जारी किया गया है, फिलहाल यहां अब तक संक्रमण के मामले सामने नहीं आए हैं।
नए स्ट्रेन के कारण बढ़ रहा है संक्रमण
हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने एमपॉक्स के बढ़ते मामलों के लिए इसके नए स्ट्रेन ‘क्लेड आईबी’ को जिम्मेदार माना है। विशेषज्ञों ने कहा इस बात की गंभीर चिंता है कि वायरस म्यूटेट हो रहा है और नए स्ट्रेन पैदा कर रहा है। यह उन देशों में भी रिपोर्ट किया जा रहा है जहां अब तक एमपॉक्स का खतरा नहीं था।
इस बीच भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी लोगों को संक्रमण को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है। मंत्रालय ने एमपॉक्स कैसे फैलता है और संक्रमण की स्थिति में क्या करें, इस बारे में विस्तार से जानकारी साझा की है।
कैसे फैलता है ये संक्रमण?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक पोस्ट में बताया, एमपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित वस्तुएं, निकट संपर्क, और शरीर के तरल पदार्थों से फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई वस्तुएं जैसे कपड़े, चादर, तौलिए आदि के इस्तेमाल से बचें। संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ या घाव के संपर्क में आने से भी संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। सामुदायिक तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।