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स्कूल प्रशासन ने परिजनों की मदद के बजाय मामले को छुपाने की कोशिश की, राज्य बाल अधिकार आयोग का आरोप

मुंबई:  महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुसीबेन शाह ने बुधवार को आरोप लगाया कि जहां जिस स्कूल में दो छोटी बच्चियों के साथ कथित तौर पर यौन शोषण किया गया था, उस स्कूल के प्रशासन ने पीड़ित अभिभावकों की मदद करने के बजाय अपराध को छुपाने की कोशिश की। गौरतलब है कि बदलापुर के एक स्कूल में पुरुष परिचारक द्वारा कथित तौर पर स्कूल में पढ़ने वाली दो बच्चियों का यौन शोषण किया गया, जिसके चलते मंगलवार को बदलापुर में भारी बवाल हुआ और लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। रेल सेवाओं को बाधित कर दिया गया और पुलिस को हालात नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करनी पड़ा।

‘पोक्सो कानून का मामला है’
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि दो छात्राओं के साथ कथित यौन शोषण का मामला स्पष्ट तौर पर पोक्सो कानून का मामला है। शाह ने कहा कि उन्होंने इस मामले को लेकर ठाणे जिला बाल संरक्षण इकाई में संपर्क किया है। शाह ने बताया कि ‘जब मैंने स्कूल प्रबंधन से मामले के बारे में पूछा, तो उन्होंने इसे छुपाने की कोशिश की। मैंने उनसे यह भी पूछा कि स्कूल प्रबंधन के खिलाफ POCSO प्रावधान क्यों नहीं लगाए जाने चाहिए।’ उन्होंने कहा कि अगर स्कूल प्रबंधन ने तुरंत पुलिस को सूचित किया होता, तो बदलापुर में अराजक स्थिति से बचा जा सकता था। राज्य के प्रत्येक जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत एक बाल संरक्षण इकाई है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पुलिस स्टेशन में एक विशेष किशोर संरक्षण इकाई भी है। ‘सभी प्रणालियां, इकाइयां और समितियां मौजूद हैं। हम सभी को प्रणाली को प्रभावी ढंग से काम करने के लिए सामूहिक प्रयास करना चाहिए।’

सरकार को सख्ती से लागू करने चाहिए नियम
शाह ने यह भी कहा कि वह भविष्य में राज्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के लिए व्यवस्था का पालन करने की सिफारिश करेंगी। उन्होंने कहा, ‘राज्य को ऐसी प्रक्रियाओं को लागू करना चाहिए और उन्हें सख्ती से लागू करना चाहिए।’ ठाणे के एक स्कूल में बस अटेंडेंट द्वारा छात्राओं के साथ कथित छेड़छाड़ के एक पुराने प्रकरण का जिक्र करते हुए शाह ने बताया कि तब उन्होंने शिक्षण संस्थानों में शिक्षण, गैर-शिक्षण और संविदा कर्मचारियों के अनिवार्य पुलिस सत्यापन की आवश्यकता पर बल दिया था। कथित छेड़छाड़ 20 फरवरी को हुई थी, जब छात्राएं एक निजी बस से मुंबई के घाटकोपर इलाके में एक मॉल में गई थीं।