गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी समर्थ और सशक्त राष्ट्र की सबसे प्रमुख उपलब्धि शिक्षा होती है। शिक्षा सभ्य व समर्थ समाज और सशक्त राष्ट्र की बुनियादी आवश्यकता है। शिक्षा के बिना मानवीय मूल्यों और जीवन सृष्टि की आवश्यकताओं की पूर्ति की कल्पना नहीं की जा सकती है।
सीएम योगी मंगलवार को गोरखपुर के चरगांवा ब्लॉक के लिए निपुण भारत मिशन के तहत प्रदेश में ‘रोड टू स्कूल’ के पहले प्रोजेक्ट का शुभारंभ कर रहे थे। चरगांवा ब्लॉक क्षेत्र के एक रिजॉर्ट में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
व्यक्ति आत्मनिर्भर होगा तो समाज और राष्ट्र भी आत्मनिर्भर होगा। ऐसे में कोई कारण नहीं कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनने से वंचित रह जाए। उन्होंने शिक्षा के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि प्राचीन समय से अलग अलग कालखंडों में शिक्षा को सर्वसुलभ बनाने के प्रयास किए गए।
इसमें गुरुकुल प्रणाली भी प्रेरक रही। तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, काशी, कांचीपुरम की ख्याति अध्ययन और अध्यापन के बेहतरीन केंद्र के रूप में रही। प्राचीनकाल के अलावा बदले हालात में देश को आजादी मिलने के बाद भी शिक्षा के क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए प्रयास हुए लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है।
2017 से दूर हो रही ड्रापआउट की समस्या
सीएम योगी ने पिछले सात सालों से सरकार के प्रयासों से प्रदेश के परिषदीय स्कूलों की दशा में आए बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा कि 2017 के पहले ड्रापआउट एक बड़ी समस्या थी। बड़ी संख्या में नामांकित बच्चे भी स्कूल नहीं आते थे तो कई कक्षा पांच के बाद छह में और कक्षा आठ के बाद नौ में एडमिशन नहीं लेते थे। सरकार ने स्कूल चलो अभियान में शिक्षकों की भूमिका को महत्व दिया तो आज ये समस्या दूर होती जा रही है।