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शिवाजी के सेनापतियों के वंशजों ने शुरू की गरुड़ झेप यात्रा, आगरा से राजगढ़ तक 1253 किमी की होगी

आगरा: 17 अगस्त 1666 को महाराज छत्रपति शिवाजी अपनी कार्य कुशलता, युद्ध क्षमता और वीरता के बल पर औरंगजेब की कैद से मुक्त होकर आगरा से निकले थे। शिवाजी के सेनापतियों के 14वें वंशज इस दिन को स्मृति दिवस के रूप में मनाते हैं। इस अवसर पर वह आगरा से राजगढ़ तक 1253 किलोमीटर लंबी गरुड़ झेप यात्रा निकाल रहे हैं। यात्रा का शुभारंभ शनिवार को हुआ।

यह यात्रा आगरा स्थित लाल किला के सामने शिवाजी प्रतिमा स्थल से शुरू हुई। इसमें 1000 धावक, 100 साइकिल सवार सम्मिलित हुए। यात्रा का शुभारंभ उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया।इस मौके पर मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि छत्रपति शिवाजी को लेकर इतिहासकारों के शोध के बाद कोठी मीना बाजार स्थित राम सिंह की कोठी को संग्रहालय और स्मारक के रूप में विकसित किया जाएगा। यह भव्य संग्रहालय पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा।

इस मौके पर उन्होंने छत्रपति शिवाजी की युद्ध कौशलता, वीरता और राष्ट्रीय एकता की भावना का भी स्मरण किया। उन्होंने कहा छत्रपति शिवाजी महाराज ने 17 अगस्त 1666 को औरंगजेब को उसे समय छठी का दूध याद दिला होगा, जब हजारों सैनिकों की निगरानी की आंखों में धूल झोंककर अपनी कार्य कुशलता से छत्रपति शिवाजी महाराज अपने पुत्र के साथ आगरा से निकले थे।

मराठी कलाकारों ने दिखाई युद्ध कला
छत्रपति शिवाजी के सेनापतियों के 14वें वंशजों की मौजूदगी में लाल किला के सामने शिवाजी महाराज प्रतिमा के समक्ष मराठी कलाकारों ने प्राचीन युद्ध कला का प्रदर्शन किया। यात्रा संयोजक मारुति आभा गोले ने बताया कि आज भी हम लोग शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर उनके द्वारा दर्शाई और बताई गई युद्ध कौशल कला और करतब का अनुसरण करते हैं। इस मौके पर गोवा से आई महिला कलाकारों ने भी युद्ध कला में तलवारबाजी, लाठी कला का प्रदर्शन किया।

कोठी मीना बाजार में बनेगा भव्य संग्रहालय
99 दिन तक मुगल शासक औरंगजेब की कैद में छल से रहने वाले शिवाजी महाराज की स्मृति में कोठी मीना बाजार में भव्य स्मारक बनाया जाएगा। कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के मुताबिक़ ऐसे स्थल पर 100 फुट ऊंची छत्रपति शिवाजी की भव्य प्रतिमा भी लगाई जाएगी। ऐसा होने से उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच आपसी सौहार्द के साथ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। संग्रहालय में छत्रपति शिवाजी की वीरता कार्यकुशलता और युद्ध कौशल क्षमता से संबंधित दृश्यों को संग्रहित किया जाएगा।