पिछले सप्ताह छह अगस्त को चीन के ताइयुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से छोडे़ गए लॉन्ग मार्च 6ए रॉकेट में विस्फोट के बाद अंतरिक्ष में रॉकेट के सैकड़ों टुकड़े मंडरा रहे हैं। इससे एक हजार से उपग्रहों पर खतरा मंडरा रहा है।
चीन ने 18 G60 उपग्रहों को कक्षा में पहुंचाने के लिए पिछले मंगलवार को ताइयुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से रॉकेट को लॉन्च किया था। रॉकेट में पृथ्वी की कक्षा के नीचे विस्फोट हो गया। अंतरिक्ष एजेंसियों ने कहा कि रॉकेट टूटने से मलबा बन गया। इसमें सैकड़ों टुकड़े थे। इस मलबे ने एक हजार से अधिक उपग्रहों और अन्य परिक्रमा करने वाली वस्तुओं को खतरे में डाल दिया है।
वहीं चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि रॉकेट का मिशन अंतरराष्ट्रीय कानून और सार्वभौमिक अभ्यास के लिए बाहरी अंतरिक्ष का शांतिपूर्ण उपयोग था। उन्होंने कहा कि चीन ने आवश्यक उपाय किए हैं और संबंधित कक्षा क्षेत्र की बारीकी से निगरानी कर रहा है और डेटा विश्लेषण कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जिम्मेदार देश के रूप में चीन अंतरिक्ष मलबे के शमन को महत्व देता है। हमने उपग्रहों और वाहक रॉकेटों के मिशन पूरा करने के बाद अंतरिक्ष मलबे को कम करने के उपाय करने का नियम बनाया है, ताकि बाहरी अंतरिक्ष के पर्यावरण की रक्षा में मदद मिल सके और गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित हो सके।
लगातार फेल हो रहे रॉकेट
चीन की कंपनियों की तरफ से लॉन्च किए जा रहे कई रॉकेट अपने मिशन पर पहुंचने से पहले फेल हो रहे हैं। पिछले महीने हाइपरबोला आईस्पेस की तरफ से बनाया गया 24 मीटर ऊंचा ठोस ईंधन वाला रॉकेट चीन के गोबी रेगिस्तान में जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से प्रक्षेपित किया गया। रॉकेट का पहला, दूसरा और तीसरा चरण सफलतापूर्वक पूरा हुआ, लेकिन चौथे चरण में एक गड़बड़ी आई और लॉन्च मिशन फेल हो गया। वहीं एक जुलाई को एक शक्तिशाली चीनी रॉकेट संरचनात्मक खराबी के कारण जमीनी परीक्षण के दौरान लॉन्च होने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। स्पेस पायनियर ने कहा कि तियानलोंग-3 रॉकेट 1 जुलाई को हेनान प्रांत के गोंगयी काउंटी में एक सुविधा में स्टेटिक-फायर टेस्ट के दौरान अचानक से लॉन्च हुआ।