आम लोगों को एक बार फिर प्याज के दामों की महंगाई रुला सकती है। कई राज्यों में प्याज की कीमतों में फिर से तेजी का दौर देखा जा रहा है। दामों में तेजी आने की शुरुआत जुलाई के आख़िर और अगस्त के पहले सप्ताह में शुरू हुई है। इसकी सबसे बड़ी वजह बांग्लादेश का घटनाक्रम है। जब पड़ोसी मुल्क में हालात अस्थिर थे तब भारत में प्याज के निर्यात में कमी आई और घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों में थोड़ी गिरावट देखी गई। हालांकि अब फिर से बांग्लादेश के हालात सही हो रहे हैं और प्याज का निर्यात शुरू हो गया है इसके बाद से एक बार फिर से इसकी कीमतों में तेजी देखी जा रही है।
दिल्ली में आजादपुर मंडी में प्याज का कारोबार करने वाले कारोबारियों का कहना है कि, जिस वक्त पड़ोसी देश बांग्लादेश में प्याज का निर्यात बंद हो गया था, उस समय सभी क़िस्म के प्याज के दामों में भी कमी आई थी। इनकी कीमत 100 रुपये प्रति क्विंटल तक कम हो गई थी। लेकिन अब फिर दामों में उछाल देखने को मिल रहा है। पिछले 15 दिनों से प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इन कीमतों में 50 प्रतिशत तक की तेजी आई है। 20 अगस्त के बाद सितंबर महीने के आखिर तक प्याज की मांग एक बार फिर से बढ़ेगी, क्योंकि सावन खत्म हो जाएगा। ऐसे में फिर से इसकी कीमत भी बढ़ेगी।
कारोबारियों का मानना है कि, अभी प्याज की कीमतों में फिलहाल तेजी का दौर इसलिए भी बना रहेगा क्योंकि सरकार प्याज के निर्यात पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाने वाली है। इस वजह से बाजार में प्याज की मांग बनी रहेंगी। यह तेजी अक्टूबर महीने तक जारी रहने की संभावना है।इसके बाजार में नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी। इसके बाद फिर कीमतों में थोड़ी कमी जरूर आ सकती है।
इसलिए बढेंगे दाम!
ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सितंबर खत्म होने से पहले तक थोक बाजार में प्याज की कीमत 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकती है। इसका मतलब खुदरा बाजार में यह 55-60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाएगा।