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शाहरुख खान ने खरीद लिए थे ‘देवदास’ के अधिकार, मां की खातिर किया था इस फिल्म में काम

बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान आज के वक्त में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। सिर्फ भारत ही नहीं, विदेश में भी उन्हें पसंद करने वाले फैंस की लंबी कतार है। उन्होंने अपने बहुमुखी अभिनय क्षमता से लगातार दर्शकों का दिल जीता है। पर्दे पर एक तरफा सनकी आशिक का किरदार हो या शराब के नशे में धुत देवदास का, शाहरुख ने हर किरदार में जान डाल दी है। हाल में ही लोकार्नों फिल्म फेस्टिवल में ‘पार्डो अला कैरियरा’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

फिल्म में काम करने को बताया बेहतरीन अनुभवों में से एक
किंग अभिनेता शाहरुख ये सम्मान पाने वाले पहले भारतीय बन चुके हैं। स्विट्जरलैंड में हुए इस फिल्म फेस्टिवल में अभिनेता ने शिरकत की थी। यहां उनकी साल 2002 में रिलीज हुई फिल्म ‘देवदास’ की भी स्क्रीनिंग की गई थी। इस दौरान अभिनेता ने बताया कि उन्होंने संजय लीला भंसाली के निर्देशन वाली इस फिल्म के अधिकार पहले ही खरीद लिए थे। उन्होंने इस दौरान इस फिल्म में काम करने के अनुभव को जीवन के सबसे बेहतरीन अनुभवों में से एक बताया है।

‘देवदास’ के अधिकार हैं शाहरुख के पास
लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में मास्टरक्लास के दौरान शाहरुख खान ने ये खुलासा किया। उन्होंने कहा कि उनकी प्रोडक्शन कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट ने इवेंट में इसकी स्क्रीनिंग से पहले ही देवदास के अधिकार खरीद लिए थे। इस फिल्म से जुड़े अपने अनुभव पर शाहरुख ने कहा, “यह मेरे जीवन के सबसे बेहतरीन अनुभवों में से एक है। इससे जुड़े होने का अनुभव मेरे लिए इतना खास है कि हमने एक प्रोडक्शन कंपनी के तौर पर इस फिल्म के अधिकार वापस खरीद लिए। मुझे बहुत गर्व है कि अब यह हमारी कंपनी के पास है।”

मां के लिए किया था ‘देवदास’ में काम
अभिनेता ने कहा कि उन्हें ‘देवदास’ एक पुरानी अवधारणा लगती थी, क्योंकि इसके पहले से ही 18 संस्करण मौजूद थे। हालांकि, तब निर्देशक संजय लीला भंसाली चाहते थे कि वो इसे शाहरुख के साथ ही बनाएं। अभिनेता ने इस दौरान बताया कि ये फिल्म गंभीर वित्तीय संकटों से गुजरी। इसके अलावा उन्होंने बताया कि उनकी मां को देवदास काफी पसंद दी, उन्होंने अपनी मां के लिए इस फिल्म में अभिनय किया। फिल्म में शाहरुख के अलावा ऐश्वर्या राय बच्चन, माधुरी दीक्षित, जैकी श्रॉफ आदि कलाकार नजर आए थे। यह फिल्म प्रसिद्ध लेखक शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के 1917 में छपी इसी नाम के उपन्यास पर आधारित थी।