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‘पहले लगता था यह झूठ है, मगर आज…’ पीएम मोदी से मुलाकात कर गदगद हुए किसान

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में फसलों की 109 उच्च उपज वाली, जलवायु अनुकूल एवं जैव-सुदृढ़ किस्में जारी कीं। इस दौरान उन्होंने किसानों और वैज्ञानिकों से भी बातचीत की। वहीं, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम लैब से सीधे जमीन तक जानकारी जुटाना चाहते थे, इसलिए किसानों के बीच कार्यक्रम किया। वहीं, एक किसान ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को लेकर गंभीर है।

109 किस्म के बीज तैयार: शिवराज चौहान
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ’65 फसलों के 109 किस्म के बीज तैयार किए गए हैं। मैं वैज्ञानिकों को इन किस्मों के बीजों के उत्पादन के लिए बधाई देता हूं। 109 किस्म के बीज किसानों के मुनाफे में वृद्धि करेंगे, जनता के पोषण के लिए उपयोगी होंगे और निर्यात में वृद्धि करेंगे।’

उन्होंने आगे कहा, ‘पीएम मोदी की सोच थी कि किसानों के बीच में कार्यक्रम करेंगे। वह लैब से सीधे जमीन तक जानकारी चाहते थे। इसलिए उन्होंने किसानों के बीच कार्यक्रम किया। तीन अलग-अलग स्थानों पर, पीएम मोदी ने देश को बीज की 109 किस्मों को समर्पित किया है। किसानों के मन में भी कई सवाल थे, जिनके उत्तर दिए गए। पीएम मोदी ने किसानों और वैज्ञानिकों से बातचीत की। पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को कुछ सुझाव भी दिए। किसानों की आय बढ़ाने का सरकार का संकल्प है। यह एक सतत प्रक्रिया है, जो बीज आज जारी किए गए हैं, फिर ब्रीडर से नींव बीज तक एक वर्ष लगेगा।’

किसानों ने क्या कुछ कहा?
पीएम मोदी से बात करने वाले एक किसान ने कहा, ‘पहले पीएम मोदी जब किसान की आय दोगुनी करने की बात सुनते थे तो मुझे लगता था कि यह झूठ है। मगर आज उनसे मिलने के बाद यह पता चल गया है कि वह किसानों को लेकर काफी गंभीर हैं। हमारी बैठक में पीएम मोदी ने फसलों की नई किस्मों को जारी किया है, जो पर्यावरण के अनुकूल हैं और किसान की आय बढ़ाने में मदद करेंगी।’

पीएम मोदी से बातचीत करने वाले जैविक किसान संजीव कुमार ने कहा, ‘यह बहुत अच्छी बात है कि पीएम मोदी किसानों से मिलने आए और उनकी जरूरतों और समस्याओं के बारे में जानकारी ली। पीएम मोदी द्वारा आज फसलों की नई 109 किस्मों का शुभारंभ किया गया है, इससे किसानों को सीधा फायदा होने वाला है। इस साल अत्यधिक गर्मी के कारण टमाटर की फसलों को काफी नुकसान हुआ था। नई किस्म की फसलों के जारी होने के साथ ही इन मुद्दों का समाधान हो जाएगा। इससे अंततः किसानों को फायदा होगा।’