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गंगा की रफ्तार थमी पर निचली इलाकों में बाढ़ का खतरा बरकरार, पलायन की तैयारी

प्रयागराज:  गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी थमने व यमुना का जलस्तर कम होने से राहत जरूर मिली है मगर कछारी इलाकों में बाढ़ का खतरा बरकरार है। गंगा की मुख्य धारा के नजदीक बने कुछ मकानों में तो बाढ़ का पानी घुस गया है। इसके अलावा छोटा बघाड़ा में बांध के पास सीवरलाइन के बैक फ्लो करने से लोगों की परेशानी और बढ़ गई है।

पिछले 24 घंटे में फाफामऊ में गंगा के जलस्तर में करीब पौने तीन मीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई। हालांकि, बृहस्पतिवार शाम को गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी की रफ्तार कुछ कम हो गई है। सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बृहस्पतिवार की रात में जलस्तर 82 मीटर के करीब पहुंच गया था।छोटा बघ़ाड़ा के शिवराज दुबे का कहना था कि रात में काफी तेजी से पानी बढ़ा। इसकी वजह से गली में पानी भर गया।

रोहित यादव का कहना था कि उन लोगों ने मकान की दीवार पर ही निशान लगा रखा था लेकिन सुबह उठने पर वह गायब था। पानी भर गया था। उर्मिला पाल का कहना था कि सीवर से भी पानी उलटे घरों में आने लगा है। इन्होंने बताया कि आसपास के लोग सामान बांधने लगे हैं। उर्मिला का कहना था कि पूरा सामान प्रथम तल पर शिफ्ट कर देंगे। कमोबेश यही स्थिति बेली, राजापुर, नेवादा कछार में भी रही और निचले इलाकों में पानी घुस गया था तथा लोग सामान समेटकर सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं

पंप लगाकर खाली प्लॉट में भरा पानी निकालेगा निगम, लगाए 56 पंप

बीमारी का कारण बन रहे खाली प्लाॅटो से पानी निकालने के लिए नगर निगम विशेष अभियान चलाएगा। इसके लिए निगम की ओर से 56 पंप भी लगाए जाएंगे। नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग ने पूरी टीम के साथ बाढ़ प्रभावित एवं संभावित राजापुर, बेली कछार, अंदावा आदि क्षेत्रों का बृहस्पतिवार को निरीक्षण किया। डेंगू का मामला सामने आने के बाद नगर आयुक्त की नजर संचारी रोगों के रोकथाम के लिए सफाई व्यवस्था तथा दवाओं के छिड़काव पर भी रही।

निरीक्षण के दौरान पाया गया कि खाली पड़े प्लाॅटो में पानी भर गया है जो संचारी रोगों के मुख्य कारण बन रहे हैं। इस पर नगर आयुक्त ने नाराजगी जताई तथा संबंधित अवर अभियंताओं को चेतावनी पत्र जारी किया। पूछताछ में यह भी पाया गया कि कई खाली प्लाॅट विवादित हैं तो सैकड़ों के मालिक कहीं और रहते हैं। ऐसे में उसकी सफाई कराने वाला कोई नहीं है। यहां पानी निकालने तथा दवाओं के छिड़काव के लिए निगम के स्तर पर प्रयास किए जाने का निर्णय लिया गया। नगर आयुक्त ने इन कार्यों की निगरानी की जिम्मेदारी अपर नगर आयुक्त दीपेंद्र यादव को दी।