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बंदी की कगार पर पांच हजार से अधिक कारखाने, कारोबार ठप; बड़े ग्रुपों के धोखे से 25 करोड़ का माल फंसा

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की अनिवार्यता से आगरा में जूता कारोबार ठप है। बड़े ग्रुप माल नहीं उठा रहे। संगठित क्षेत्र की दो हजार फैक्टरियों में करीब 3.50 लाख जोड़ी जूते बंद पड़े हैं। 25 करोड़ रुपये फंस गए। दूसरी तरफ असंगठित क्षेत्र का बुरा हाल है। यहां पांच हजार से अधिक कारखाने बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं।

सालाना 50 करोड़ रुपये और उससे अधिक टर्नओवर वाली जूता निर्माण इकाईयों पर एक अगस्त से बीआईएस मार्क लागू हो गया है। जिस वजह से नामचीन ग्रुप जो आगरा में अपने लिए जूता बनवाते थे। उन्होंने माल नहीं उठाया। बीआईएस पंजीकरण के बिना आपूर्ति रुक गई है। जूता उद्यमी गोविंद महाजन ने बताया कि 10 हजार से अधिक जोड़ी होल्ड हैं।

कच्चे माल का भुगतान करने तक के लिए पूंजी नहीं बची। ऑर्डर पर माल बनाया था, लेकिन अब उस माल को लेने के लिए कोई तैयार नहीं हो रहा। जूता उद्यमियों का कहना है कि बड़ी संख्या में बीआईएस के कारण आयात से ओवर स्टोक कर लिया है। अगले चार से पांच महीने तक उन्हें माल की जरूरत नहीं होगी। इस वजह से वह आगरा में जूता नहीं बनवा रहे।

जूते की बनाई 26 श्रेणियां
पहले जूता की एक श्रेणी थी। अब बीआईएस में 26 श्रेणियों में जूता बांट दिया है। बीआईएस की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि फैक्टरी संचालक उसका पालन नहीं कर सकते। -अजय कुमार, जूता उद्यमी

इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा
बीआईएस से इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा। आए दिन क्वालिटी चेक करने के बहाने कोई भी आ धमकेगा। उद्यमी इनवायस, सेल, रिटर्न व अन्य कागजी कार्रवाई में उलझ जाएगा। -हिम्मत रामानी, जूता उद्यमी