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सभी आरोपी दोषी करार, घूंघट में आई शीबा, कड़ी सुरक्षा में कोर्ट लाया गया इजलाल

मेरठ:  मेरठ के चर्चित गुदड़ी बाजार हत्याकांड में फैसले को लेकर हर किसी की निगाहें दिन भर टिकी रही। अदालत ने युवती शीबा समेत सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है। सजा पर पांच अगस्त को सुनवाई होगी। मृतक तीन बेटों की रूह को आज सुकून मिला तो वहीं पीड़ित परिजनों को इंसाफ की आस जागी है। आज सभी आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया। इस दाैरान आरोपी युवती घूंघट में कोर्ट पहुंची।

ये घटना 23 मई 2008 की है। आज से 16 साल पहले तीन दोस्तों को दोस्ती का वास्ता देकर बुलाया और बड़ी ही बेरहमी से तीनों को बारी-बारी से क्रूरता से माैत के घाट उतार दिया। इस वारदात का जब खुलासा हुआ तो शहर में आक्रोश फैल गया था। शहर में हर तरफ आक्रोश था। जांच में सामने आया कि हत्या की वजह एक युवती की माैजूदगी थी, जिसकी वजह से इजलाल ने तीन दोस्तों की जिंदगी को माैत की भेंट चढ़ा दिया।

23 मई, 2008 को बागपत के बालैनी गांव के जंगल में हिंडन नदी के किनारे दिन के पाैने बारह बजे एक कार में तीन युवकों की लाश मिली। इनकी पहचान मेरठ कॉलेज के छात्र सुनील ढाका निवासी जागृति विहार, पुनीत गिरि निवासी परीक्षितगढ़ रोड और सुधीर उज्जवल निवासी सिरसली बागपत के रूप में हुई। तीनों युवकों की लाश देखकर जनाक्रोश फैल गया था। मामले की गूंज लखनऊ तक पहुंच चुकी थी।

24 मई को सनसनीखेज खुलासा हुआ कि इन तीन युवकों की हत्या कोतवाली मेरठ के गुदड़ी बाजार में हाजी इजलाल के घर पर हुई थी। पुलिस के अनुसार हाजी इजलाल ने एक युवती के चक्कर में हुए विवाद के चलते अपने साथियों के साथ इस तिहरे हत्याकांड को बड़ी नृशंसता के साथ अंजाम दिया था।

मामला दो समुदाय से जुड़ा होने पर शहर में आक्रोश के साथ माहौल तनावपूर्ण हो गया था। हत्याकांड के विरोध में शहर के बाजार बंद रहे। पुलिस ने हाजी इजलाल व उसके चारों भाइयों को जेल भेजा था।

हाजी इजलाल के घर में जिस जगह पर इस वारदात को अंजाम दिया गया, वहां सड़क से लेकर चबूतरे तक खून ही खून फैला था। पुलिस मौके पर पहुंचती इससे पहले ही खून साफ कर दिया गया।

पुलिस ने मुख्य आरोपी इजलाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कई माह तक कोतवाली के गुदड़ी बाजार से लेकर शहर के संवेदनशील इलाकों में पुलिस अलर्ट रही थी।