सड़क दुर्घटना में जून 2022 में मारे गए एक व्यक्ति के परिजनों को 2.85 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश राष्ट्रीय लोक अदालत ने दिया है। 25 साल बाद ठाणे में आयोजित लोक अदालत में यह आदेश देकर मृत्यु दावे का निपटारा किया है। वहीं एक अन्य मामले में मुकदमा दायर, सुनवाई ऑनलाइन माध्यम से ही की गई।
ओएनजीसी के महाप्रबंधक धीरेंद्र चंद्र ठाकुरदास रॉय की 19 जून 2022 को मृत्यु हो गई थी। 59 वर्षीय धीरेंद्र चंद्र ठाकुरदास रॉय को पहले एक ट्रक ने टक्कर मार दी, उसके बाद उनकी गाड़ी पनवेल-सायन रोड पर एक राज्य परिवहन बस से टकरा गई। जिला न्यायाधीश एसएस शिंदे और एमएसीटी सदस्य एसएन शाह ने उनकी विधवा, दो बेटियों और 86 वर्षीय मां को 2.85 करोड़ रुपये का मुआवजा चेक दिया। लोक अदालत में मृतक के परिजनों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता एसटी कदम ने बताया कि दुर्घटना के समय रॉय का मासिक वेतन 6 लाख रुपये था।
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वहीं पिछले साल 23 फरवरी को घोड़बंदर रोड पर चलते समय सड़क दुर्घटना में आईटी फर्म के एचआर प्रमुख 38 वर्षीय मौसमी मेहेंदले मारे गए। उनके परिवार को एक अन्य अदालत में 1.15 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया। लोक अदालत में एक अन्य बहुचर्चित घटनाक्रम मामला रहा। जिसमें एमएसीटी सदस्य शाह ने एक फार्मेसी छात्र के समझौते का आदेश दिया। यह मामला भी ठाणे में हुई एक सड़क दुर्घटना से संबंधित था। हालांकि आवेदन वर्तमान में लंदन में रहता है। अधिकारियों का कहना है कि उसने ऑनलाइन ही याचिका दी थी, और ऑनलाइन ही इस मामले को निपटाया गया। न्यायाधीश शिंदे ने इस तरह की लोक अदालत में सौहार्दपूर्ण समझौतों के महत्व पर जोर दिया और मामलों को प्रभावी ढंग से हल करने में निरंतर सफलता की उम्मीद जताई।