विदेश मंत्री एस. जयशंकर आसियान बैठक के लिए गुरुवार को लाओस की राजधानी वियनतियाने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह दक्षिण पूर्वी राष्ट्रों के संगठन के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए उत्सुक हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी ‘एक्ट ईस्ट नीति’ के 10 साल पूरे कर रहा है।
जयशंकर को लाओस के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री सेलुमक्से कोमासिथ ने आसियान-भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) और आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ) के प्रारूप में आसियान ढांचे के तहत विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। विदेश मंत्री ने एक्स पर लिखा, “आसियान की बैठकों के लिए लाओस के वियनतियाने पहुंच गया हूं। हम आसियान के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करने के लिए उत्सुक हैं, क्योंक हम एक्ट ईस्ट नीति का एक दशक पूरा कर रहे हैं।”
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने उनकी यात्रा से पहले एक बयान में कहा, यह दौरा आसियान केंद्रित क्षेत्रीय वास्तुकला, आसियान एकता, हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर आसियान आउटलुक (एओआईपी) और आसियान-भारत की व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।एमईए ने कहा, इस दौरे का खास महत्व है, क्योंकि भारत अपनी एक्ट ईस्ट नीति के दस साल पूरे कर रहा है। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में की थी।
अपने दौरे के दौरान जयशंकर आसियान से जुड़ी बैठकों के दौरान वियनतियाने में अन्य देशों के अपने समकक्षों के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें कर सकते हैं। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के विदेश मंत्री और अमेरिका व चीन जैसे प्रमुख साझेदार देशों के शीर्ष राजनयिक तीन दिवसीय बैठक के लिए यहां एकत्र हुए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी इसमें भाग लेने वालों में शामिल हैं।