Tuesday , December 24 2024
Breaking News

जयशंकर और फिलीपींस के विदेश मंत्री के बीच बैठक, इंडो-पैसिफिक में साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को फिलीपींस के विदेश मंत्री एनरिक मनालो के साथ बैठक की और दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने और इंडो-पैसिफिक में साझेदारी पर चर्चा की। वहीं इस लेकर सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लिखा, आज वियनतियाने में फिलीपींस के अपने मित्र सेक मनालो से मिलकर बहुत खुशी हुई। हमारे दोनों लोकतंत्रों के बीच मजबूत होते सहयोग और इंडो-पैसिफिक में साझेदारी, खासकर कानून के शासन और आसियान केंद्रीयता को बनाए रखने पर चर्चा की।

आसियान बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा
वहीं विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आसियान बैठकों के दौरान तिमोर लेस्ते के विदेश मंत्री बेंडिटो फ्रीटास के साथ भी बैठक की। दोनों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक में साझा प्राथमिकताओं पर विचारों का आदान-प्रदान किया। फ्रीटास के साथ अपनी मुलाकात के बारे में जानकारी साझा करते हुए, विदेश मंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, आसियान बैठकों के दौरान तिमोर लेस्ते के विदेश मंत्री बेंडिटो फ्रीटास से मिलकर खुशी हुई। हमारी दिल्ली से दिली दोस्ती लगातार बढ़ रही है और गहरी हो रही है। साथ ही, हमने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी साझा प्राथमिकताओं पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

आसियान-तंत्र बैठक में शामिल होंगे विदेश मंत्री
बता दें कि इससे पहले, विदेश मंत्री दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण आसियान-तंत्र बैठकों में भाग लेने के लिए लाओस के वियनतियाने पहुंचे। उन्होंने आसियान देशों के साथ भारत के जुड़ाव को आगे बढ़ाने के बारे में आशा व्यक्त की, जो एक्ट ईस्ट पॉलिसी की दशक भर की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

भारत की एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक पूरे- जयशंकर
विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, भारत की एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक पूरे होने पर हम आसियान के साथ भारत के संबंधों को और गहरा करने के लिए तत्पर हैं। वहीं विदेश मंत्रालय (एमईए) ने पहले एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि जयशंकर 25 से 27 जुलाई तक वियनतियाने की यात्रा पर हैं, जहां वे आसियान-भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) और आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ) के प्रारूप में आसियान ढांचे के तहत विदेश मंत्रियों की बैठकों में भाग लेंगे।