लखनऊ: आम बजट में सरकार ने अगले पांच वर्षों में देश के 100 शहरों में स्ट्रीट फूड हब व साप्ताहिक हाट खोलने का एलान किया है। इसे कोरोना काल में बर्बाद हुए शहरी क्षेत्रों के रेहड़ी व पटरी व्यवसाइयों (स्ट्रीट वेंडर) के कारोबार को फिर से शुरू कराने की पहल मानी जा रही है। योजना के जरिये शहरों में सरकार पटरी दुकानदारों को कारोबार के लिए व्यवस्थित स्थान मुहैया कराएगी। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के 18 से अधिक शहरों में स्ट्रीट फूड हब व साप्ताहिक हाट शुरू किए जा सकते हैं। इससे करीब 15 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडरों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
शहरों में स्ट्रीट वेंडरों को सुरक्षित और सुविधाजनक स्थान मिलने से उन्हें आए दिन अतिक्रमण के नाम पर होने वाले उत्पीड़न से भी मुक्ति मिलेगी। स्ट्रीट फूड हब व साप्ताहिक हाट के जरिये सरकार का युवाओं को नए रोजगार के अवसर मुहैया कराने की पहल भी मानी जा रही है। बता दें कि केंद्र सरकार ने पटरी कारोबारियों के लिए पीएम स्वनिधि योजना भी चला रही है। इसमें ऐसे दुकानदारों को कम ब्याज पर कर्ज देकर व्यवसाय शुरू करने की सहूलियत दी जा रही है। प्रदेश में इस योजना में अब तक 13.40 लाख दुकानदारों को कर्ज दिया जा चुका है। राज्य सरकार इन कारोबारियों के लिए मॉडल वेंडिंग जोन भी बनवा रही है।
नगर निगमों वाले सभी शहरों के दायरे में आने की उम्मीद
बजट में इस घोषणा के बाद प्रदेश के 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में हाट और स्ट्रीट फूड हब खुलने का रास्ता साफ होगा। योजना के दायरे में लखनऊ, कानपुर, आगरा, मेरठ, वाराणसी, गाजियाबाद, प्रयागराज, बरेली, अलीगढ़, मुरादाबाद के साथ सभी नगर निगम वाले शहरों के आने की उम्मीद है। केंद्र सरकार हाट और स्ट्रीट फूड हब बनाने के लिए राज्यों को अलग से पैसा भी देगी।
बड़े शहरों में मिलेगा शुद्ध पेयजल
बजट में देश के 100 बड़े शहरों में जलापूर्ति, सीवरेज उपचार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और वित्तीय रूप से परियोजनाओं को बढ़ावा देने की भी घोषणा की गई है। इसके दायरे में भी प्रदेश में 10 लाख से अधिक आबादी वाले 15 से 18 शहरों के आने की संभावना है।