23 जुलाई को वितमंत्री निर्मला सीतारामण ने लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश किया। जिसमें किसानों, महिलाओं और युवाओं के लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की है। इसके साथ ही एक करोड़ गरीब व मध्यम वर्ग परिवारों को घर मुहैया करवाने के लिए सरकार ने ब्याज पर सब्सिडी योजना का एलान किया है। महिलाओं को विशेषरूप से प्रॉपट्री खरीदने पर राज्य सरकारों से स्टैम्प ड्यूटी पर छूट देने को कहा गया है। जिसमें महिलाएं अपने घर का सपना पूरा कर सकें। बजट भाषण में बोलते हुए वित्तमंत्री ने एलान किया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्त घरों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा औद्योगिक श्रमिक जो कि रोजगार के लिए शहरों में आते हैं उनके लिए सरकार छात्रावास शैली के आवासों के साथ किराये के आवास भी बनाएगी। यह सार्वजनिक और निजी भागीदारी मॉडल (पीपीपी) पर आधारित होगा।
हाउसिंग सेक्टर की ग्रोथ एक साल 10 से 15 प्रतिशत रहने का अनुमान
हिरानंदानी ग्रुप के चेयरमैन एवं एमी नीरजंन हीरानंदानी का कहना है कि बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना को आगे बढ़ाए जाने से हाउसिंग सेक्टर की ग्रोथ अगले एक साल 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ेगी। सरकार ने अफोडेबल हाउसिंग के लिए जो एलान किया है उससे होम फाइनेंस कंपनियों की कारोबारी वृद्धि में 25 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। हमें उम्मीद है कि अगले पांच सालों में जब हम पांच ट्रिलियन की इकॉनमी बनेंगे तो भारत के जीडीपी में हाउसिंग और इन्फ्रा का योगदान 20 प्रतिशत होगा। मौजूदा समय में यह जीडीपी में 7 प्रतिशत की योगदान है।
हाउसिंग फाइनेंस और सीमेंट कंपनियों को मिलेगा लाभ
स्मॉल केस मैनेजर और संस्थापक सोनम श्रीवास्तव का कहना है कि तीन करोड़ अतिरिक्त घर बनाने की सरकार की घोषणा से रियल एस्टेट मार्केट में तेजी तो आएगी लेकिन इसका सीधा फायदा हाउसिंग फाइनेंस और सीमेंट कंपनियों को होगा। हाउसिंग फाइनेंस फर्मों को लोन की मांग बढ़ने से लाभ होगा जिससे नए बाजार और अवसर भी पैदा होंगे। हालांकि उन्हें क्रेडिट मूल्यांकन और जोखिम प्रबंधन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। सीमेंट कंपनियों को अपने उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है। जिसमें बढ़ी हुई मांग को पूरा किया जा सके। कंपनियों का फोकस कच्चे माल की बढ़ती लागत का प्रबंधन करने और उत्पादन क्षमता पर निवेश पर होगा। सैमको सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिव्यम मौर ने कहा, एक करोड़ गरीब मध्यमवर्गीय परिवारों को घर खरीदने में मदद करने के लिए वित्तमंत्री के 10 लाख करोड़ रुपये के आवंट से आवसीय संपत्तियों की मांग को बढ़ावा मिलेगा साथ ही ब्याज सब्सिडी और फंडिंग से रियल एस्टेट उद्योग डेवलपर्स और छोटी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को बहुत फायदा होगा।