शिवसेना सांसद संजय राउत ने उत्तर प्रदेश में जारी आदेश को लेकर भाजपा सरकार को घेरा। दुकानों के बाहर नेमप्लेट लगाने के आदेश के पर उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ऐसे आदेश के माध्यम से देश को विभाजित करने का प्रयास कर रही है।
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर एक आदेश जारी किया गया। जिसमें सभी दुकानदारों से दुकान के बाहर मालिक का नाम बताते हुए नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया गया। जिसको लेकर अलग-अलग पार्टी के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने इस आदेश की जमकर आलोचना की भी की। शनिवार को शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने इस आदेश को देश की एकता को छिन्न-भिन्न करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी को ऐसे आदेशों के माध्यम से देश को विभाजित करने से कोई लाभ नहीं होगा।
संजय राउत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अब आप खाद्य पदार्थों की दुकानों को जाति और धर्म के आधार पर नेमप्लेट लगाने का आदेश दे रहे हैं? क्या देश को विभाजित करना चाहते हैं? इससे आपको लाभ नहीं होने वाला। आप देश की एकता तोड़ रहे हैं?
संजय राउत ने कहा कि शिवसेना पार्टी अपने हिंदुत्व के आदर्शों के प्रति प्रतिबद्ध है, लेकिन वह समाज में विभाजन पैदा करने का समर्थन नहीं करती। उन्होंने कहा कि अयोध्या, काशी, मथुरा गर्व की बात है। हमने हिंदुत्व के लिए भाजपा से भी संघर्ष किया। उन्होंने सवाल किया कि कब तक हिंदू-मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान का यह खेल जारी रहेगा? शिवसेना यूबीटी सांसद ने भाजपा के गठबंधन सहयोगियों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सत्ता के गुलाम हैं।
उन्होंने नीतीश कुमार, चंदबाबू नायडू और चिराग पासवान की भूमिका पर सवाल उठाए। संजय राउत ने कहा कि यह देखना होगा कि नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, अपना दल, चिराग पासवान भाजपा की फूट डालो और राज करो का समर्थन करेंगे या नहीं।
संजय राउत ने यह भी कहा कि गठबंधन में नीतीश कुमार, चंदबाबू नायडू और चिराग पासवान की भूमिका क्या है? गठबंधन के सहयोगी सत्ता के गुलाम है, अगर हिम्मत है तो उन्हें आगे आना चाहिए। उन्होंने लोकसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा को पहले भी लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। लोग देश को बांटने वालों को वोट नहीं देंगे। यह कौन सा नया खेल है?