गीता दत्त की आवाज के आज भी लाखों दीवाने हैं। गीता दत्त का असली नाम गीता घोष रॉय चौधरी था। गीता प्रसिद्ध भारतीय गायिका थीं। उनका जन्म 23 नवंबर 1930 को भारत के विभाजन से पहले फरीदपुर, बंगाल प्रांत, ब्रिटिश भारत (बांग्लादेश) में हुआ था। गीता को हिंदी सिनेमा में एक पार्श्व गायिका के रूप में विशेष पहचान मिली। 1972 में आज ही के दिन गीता ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था। आज गीता दत्त की पुण्यतिथी है। गीता भले ही आज अपने प्रशंसकों के बीच ना हो, लेकिन अपने गानों के जरिए वह हमेशा उनके जीवन का अहम हिस्सा रहेंगी।
1930 में जन्मीं हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री गीता ने केवल 41 साल की उम्र में ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। आज उनकी 52वीं पुण्यतिथी है। उनके गानों की लता मंगेशकर भी मुरीद हुआ करती थीं। अभिनेत्री ने कई सुपरहिट गानों में अपनी आवाज दी थी, जिसे आज भी दर्शक गुनगुनाते हैं। ‘जाने कहां मेरा जिगर गया जी’, ‘बाबू जी धीरे चलना’, ‘पिया ऐसो जिया में समाय गयो रे’, और ‘ये लो मैं हारी पिया’ जैसे तमाम बेहतरीन गाने आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गीता दत्त ने अपने करियर में 1417 गाने गाए थे। स्वर कोकिला लता मंगेशकर भी उनकी बहुत बड़ी फैन रह चुकी हैं। गीता ने कई बेहतरीन गायकों के साथ गाना गाया। गीता ने सिर्फ 16 साल की उम्र में अपने जीवन का पहला गाया गाया था। संगीतकार हनुमान प्रसाद ने उन्हें अपनी पौराणिक फिल्म ‘भक्त प्रह्लाद’ में कुछ पंक्तियां दीं। वहीं एस.डी. बर्मन, भी उनकी सिंगिंग से इतने प्रभावित थे, कि उन्होंने अभिनेत्री को ‘दो भाई’ फिल्म में गाने का मौका दिया था।
साल 1951 में आई फिल्म ‘बाजी’ में गीता ने कई गानों में अपनी आवाज दी थी। इसी फिल्म से गुरु दत्त ने निर्देशन में डेब्यू किया था। शूटिंग के दौरान गीता और गुरु दत्त एक दूसरे के करीब आये और दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया। बाद में साल 1953 में कपल ने शादी कर ली थी। शादी के कुछ साल काफी अच्छे बीते और उनके दो बेटे हुए। लेकिन बाद में सब कुछ बदल गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गीता के पति गुरु दत्त ना केवल उनकी प्रतिभा के प्रति असुरक्षित साबित हुए और उन्हें अपनी प्रस्तुतियों तक ही सीमित रखने की कोशिश की। गुरु दत्त का नाम वहीदा रहमान संग जुड़ा, जिसके बाद गीता संग उनके रिश्ते में कड़वाहट आ गई। पति की मौत के बाद वो पूरे दिन नशे में डूबी रहती थी। एक वक्त उनकी हालत इतनी बिगड़ गई कि वह अपने बच्चों को नहीं पहचान पाती थीं। आखिरकार, 41 साल की उम्र में उन्होंने 20 जुलाई 1972 को दुनिया को अलविदा कह दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मौत के 10 साल बाद उनके बड़े बेटे तरुण ने भी सुसाइड कर लिया था।