पुरी: ओडिशा में पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष के भीतर एक छिपी हुई सुरंग को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इस बीच पुरी के राजा गजपति महाराजा दिव्य सिंह देब ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) जांच के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सकता है। उन्होंने गुरुवार को रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष के भीतर छिपी सुरंग को लेकर किए गए सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही। दरअसल, कई लोगों का मानना है कि मंदिर के रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष में एक गुप्त सुरंग बनी हुई है।
गुप्त सुरंग पर पुरी के राजा ने की बात
रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष में गुप्त सुरंग के अटकलों के बीच पुरी के राजा गजपति महाराजा दिव्य सिंह देब ने कहा, “एएसआई आंतरिक कक्ष की जांच के लिए लेजर स्कैनिंग जैसे उन्नत उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं।” उन्होंने आगे बताया कि ऐसे उपकरण गुप्त सुरंगों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है।
जस्टिस विश्वनाथ रथ ने सुरंग के भीतर बिताए सात घंटे
ओडिशा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस विश्वनाथ रथ ने दस अन्य सदस्यों के साथ आंतरिक कक्ष के अंदर सात घंटे से भी अधिक समय बिताया। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा, “हमारे निरीक्षण के अनुसार, हमें गुप्त सुरंग के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।” उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने से बचने का आग्रह किया है।
समिति के एक अन्य सदस्य और सेवक दुर्गा दासमोहपात्रा ने कहा, “हमने भगवान के खजाने के अंदर कोई गुप्त सुरंग नहीं देखी। रत्न भंडार लगभग 20 फीट ऊंचा और 14 फीट लंबा है।” उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान छोटी-मोटी समस्याओं पर गौर किया गया। छत से कई सारे छोटे-छोटे पत्थर गिरे। रत्न भंडार की दीवार में भी दरार आ गई। उन्होंने बताया कि उन्हें फर्श गीला होने की आशंका थी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।