नई दिल्ली: कॉरपोरेट टैक्स में की गई कटौती को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार का घेराव किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि टैक्स में कटौती से अरबपतियों की जेब में दो लाख करोड़ रुपये चले गए। जबकि मिडिल क्लास आज भी कर और महंगाई के बोझ से दबा हुआ है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के एक दिन बाद कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला।
कांग्रेस की ओर से कहा गया कि सीबीडीटी की रिपोर्ट में 11 जुलाई 2024 तक कुल टैक्स कलेक्शन 5,74,357 करोड़ रुपये दिखाया गया है। इसमें रिफंड निकालने के बाद कॉरपोरेट टैक्स 2,10,274 करोड़ रुपये और पर्सनल आयकर के रूप में 3,46,036 करोड़ रुपये सरकार को मिले हैं। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 23 जुलाई को बजट आना है। इस दौरान टैक्स कलेक्शन का डाटा जारी किया गया है। इसके मुताबिक एक अप्रैल से एक जुलाई 2024 तक व्यक्तिगत आयकर 3.61 लाख करोड़ रुपये और कॉरपोरेट कर संग्रह 2.65 लाख करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि टैक्स कलेक्शन में पर्सनल इनकम टैक्स की हिस्सेदारी 28 फीसदी हो गई है।
जयराम रमेश ने कहा कि केंद्र सरकार ने 20 सितंबर 2019 को कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करते हुए दावा किया था कि इससे निवेश में इजाफा होगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसके बजाया निवेश यूपीए के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में जीडीपी के 35 फीसदी से घटकर 2014-24 तक 29 फीसदी से भी नीचे आ गया है। बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश करेंगी।
टैक्स कलेक्शन 21.99 लाख करोड़ रहने का अनुमान
कांग्रेस के आरोपों के बीच केंद्र सरकार इनकम टैक्स कलेक्शन में इस साल खासे उछाल की उम्मीद है। सरकार ने पूरे वित्त वर्ष के लिए अंतरिम बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह 21.99 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है। अब तक टैक्स कलेक्शन 5,74,357 करोड़ रुपये पहुंच गया है। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 4,80,458 करोड़ रुपये था।