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बसपा के मैदान में उतरने से बदलेंगे दलों के समीकरण, भाजपा और सपा में टिकट को लेकर दौड़

मुरादाबाद:बसपा के उपचुनाव में उतरने से कुंदरकी विधानसभा सीट के भी समीकरण बदल जाएंगे। दूसरे दलों के सियासी खेल बिगड़ सकते हैं। ऐसे में उपचुनाव में कूदने से पहले राजनीतिक दलों ने नए सिरे से तैयारियों पर मंथन शुरू कर दिया है। कुंदरकी सीट पर बसपा को आखिरी बार 2007 में जीत मिली थी।

वर्ष 2022 में कुंदरकी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर सपा विधायक बने जियाउर्रहमान बर्क को सपा ने लोकसभा चुनाव में संभल सीट से उम्मीदवार बनाया था। चुनाव में जीत दर्ज कर जियाउर्रहमान बर्क अब विधायक से सांसद बन गए। उनके विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद कुंदरकी विधानसभा सीट पर अब उपचुनाव होना है।

हालांकि अभी उपचुनाव को लेकर कोई कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है, लेकिन राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। कुंदरकी विधानसभा सीट को लेकर भाजपा ने प्रभारी तैनात कर दिए हंैं। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए दावेदारों ने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक अपनी फील्डिंग सजानी शुरू कर दी है।

वहीं सपा से टिकट के लिए 12 से अधिक लोगों ने दावेदारी भी पेश कर दी है। भाजपा और सपा की तैयारियों के बीच बसपा के भी चुनाव मैदान में उतरने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। मंडल स्तर पर बसपा पदाधिकारियों ने बैठकें भी करनी शुरू कर दी हैं।
बसपा के चुनाव में उतरने के संते पर भाजपा और सपा में नए सिरे से सियासी मंथन शुरू हो गया है। वहीें बसपा दो बार कुंदरकी सीट पर जीत दर्ज कर चुकी है। पिछले चुनाव में बसपा तीसरे स्थान पर रही।
दावेदारों की नजर बसपा पर भी

भाजपा और सपा से टिकट के दावेदारों की नजर अब बसपा पर भी है। दोनों के दावेदारों ने अंदर खाने बसपा के बड़े नेताओं से भी संपर्क साधना शुरू कर दिया है। ताकि अपने दल से टिकट नहीं मिलने की स्थिति में बसपा का विकल्प आजमाया जा सके।
बसपा का दलित-मुस्लिम समीकरण बन सकता है दलों के लिए चुनौती

बसपा का दलित-मुस्लिम समीकरण दूसरे दलों के लिए चुनौती बन सकते हैं। बसपा इसकी समीकरण के दम पर कुंदरकी विधानसभा सीट पर दो बार जीत दर्ज कर चुकी है। बसपा के टिकट पर हाजी अकबर दो बार विधायक बने।
आठ जोन बनाकर बसपा ने सौंपी जिम्मेदारी

मंडलीय कार्यालय पर बृहस्पतिवार को बसपा की मंडल स्तरीय बैठक बुलाई गई, जिसमें कुंदरकी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियों पर चर्चा की गई। उपचुनाव को जीतने की रणनीति बनाई गई है। साथ ही कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र को आठ जोन में बांटकर नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई।