मुंबई: आप कभी मुंबई गए हो, तो वहां आपने कई स्टेशनों के नाम सुने हैं। शायद अंग्रेजी में रखे गए स्टेशनों के नाम जैसे मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन, करी रोड स्टेशन, या सैडहस्ट रोड स्टेशन भी सुने होंगे। मगर कभी आपने सोचा था कि इतने सालों बाद इन स्टेशनों के नाम भी बदल दिए जाएंगे। जी हां, महाराष्ट्र विधान परिषद ने मंगलवार को सर्वसम्मति से ब्रिटिश काल में रखे गए मुंबई के सात रेलवे स्टेशनों का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया।
नामों की मंजूरी केंद्र के पास जाएगी
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी वाली महायुति सरकार अब नए नामों को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को सौंपेगी। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया है।
मुंबई लोकल ट्रेन के अधिकांश स्टेशनों के नाम अंग्रेजी में हैं। यह तर्क दिया गया है कि वे एक औपनिवेशिक विरासत को दर्शाते हैं।
इन स्टेशनों का बदलेगा नाम
प्रस्ताव के अनुसार, करी रोड स्टेशन का नाम बदलकर लालबाग, सैंडहर्स्ट रोड का नाम डोंगरी, मरीन लाइन्स का नाम मुंबादेवी और चर्नी रोड का नाम गिरगांव रखा जाएगा। सैंडहर्स्ट रोड का नाम बदलना सेंट्रल लाइन के साथ-साथ हार्बर लाइन पर भी लागू होगा। अन्य स्टेशनों में कॉटन ग्रीन स्टेशन का नाम बदलकर कालाचौकी, डॉकयार्ड रोड का नाम मझगांव और किंग्स सर्कल का नाम तीर्थंकर पार्श्वनाथ रखा जाएगा।
पहले भी बदल चुके हैं नाम
ऐसा पहली बार नहीं है, जब मुंबई में किसी स्टेशन का नाम बदला गया है। इससे पहले विक्टोरिया टर्मिनस (वीटी) जैसे प्रतिष्ठित स्टेशनों का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और एलफिंस्टन रोड से प्रभादेवी कर दिया गया था। इससे सार्वजनिक स्थानों के लिए सांस्कृतिक रूप से गूंजने वाले नामकरण को अपनाने की गति को बढ़ावा मिला।
हवाई अड्डे का नाम बदलने को लेकर उठाया सवाल
इस बीच, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने छत्रपति संभाजीनगर शहर में हवाई अड्डे का नाम बदलने के संबंध में एक सवाल उठाया, जिसे वर्तमान में औरंगाबाद हवाई अड्डा कहा जाता है। हालांकि, दानवे की इस मांग पर चर्चा की मांग को उपसभापति नीलम गोरहे ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि संबंधित मंत्री बाद में उनके सवाल का जवाब दे सकते हैं।