श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां शुरू हो गईं हैं। द्वीप राष्ट्र के चुनाव आयोग ने कहा है कि इस महीने के अंत में देश की राष्ट्रपति चुनाव की तारीख की घोषणा की जाएगी। चुनाव आयोग के अध्यक्ष आर एम ए एल रत्नायके ने बताया कि 17 जुलाई के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा की जा सकती है। इसके लिए चुनाव आयोग को कानूनी रूप से सभी शक्तियां दीं गईं हैं। इससे पहले मई में चुनाव आयोग ने कहा था कि 17 सितंबर से 16 अक्तूबर के बीच श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव हो सकते हैं।
17 करोड़ से अधिक लोग करेंगे मतदान
चुनाव आयोग के अध्यक्ष रत्नायके ने आगे बताया कि आयोग द्वारा फिलहाल 2024 के चुनावी रजिस्टर को अंतिम रूप दिया जा रहा है। चुनावी रजिस्टर ही चुनाव का आधार होगा। उनके अनुसार 17 करोड़ से अधिक लोग चुनाव में मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। आपको बता दें कि श्रीलंका में चुनाव को लेकर सोमवार को शीर्ष अदालत में सुनवाई होनी है। इससे ठीक एक दिन पहले चुनाव आयोग के अध्यक्ष का बयान सामने आया है। पिछले सप्ताह एक व्यक्ति ने अदालत में याचिका दायर की थी। याचिका में अदालत से चुनाव पर रोक लगाने की अपील की गई थी। कहा गया था कि जब तक संविधान में अनुच्छेद 30(2) और 82 के तहत राष्ट्रपति पद के कार्यकाल पर स्पष्टता नहीं दी जाती, तब तक चुनाव पर रोक लगाई जाए। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पांच न्यायाधीशों की पीठ इस मामले में सुनवाई करेगी।
क्या है मामला?
श्रीलंका के संविधान के 19वें संशोधन में अनुच्छेद 30(2) के तहत राष्ट्रपति के कार्यकाल को छह से पांच साल तक के लिए सीमित कर दिया था। उधर, 82वें संशोधन के अनुसार, जनमत संग्रह के माध्यम से राष्ट्रपति का कार्यकाल छह साल तक बढ़ाया जा सकता है। इस वजह से याचिकाकर्ता ने राष्ट्रपति के कार्यकाल पर स्पष्टता की मांग की है। इस बीच, विपक्ष ने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे पर आरोप लगाया है कि उन्हें हार के डर सता रहा है। इसलिए विक्रमसिंघे चुनाव टालने और राष्ट्रपति पद पर बने रहने की कोशिश कर रहे हैं। आपको बता दें कि पिछले सप्ताह स्पष्ट कर दिया था कि पूर्व नियोजित योजना के अनुसार चुनाव कराए जाएंगे।