अलीगढ़: सिकंदराराऊ हादसे के मूल कारणों और लापरवाही को लेकर एसआईटी स्तर से हो रही जांच लगभग अंतिम दौर में है। बृहस्पतिवार को भी देर रात तक बयान दर्ज करने की प्रक्रिया जाारी रही। उम्मीद है कि यह जांच रिपोर्ट मध्य रात्रि तक पूर्ण कर शुक्रवार को शासन को भेज दी जाएगी। हालांकि अभी अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। मगर विश्वस्त सूत्र कई अधिकारियों पर गाज गिरना तय मान रहे हैं। जिनके खिलाफ बयानों के आधार पर इस रिपोर्ट में लापरवाही किए जाने का इशारा हो सकता है।
दो जुलाई की दोपहर हुए इस हादसे के बाद ही मुख्यमंत्री स्तर से एसआईटी जांच का आदेश जारी किया गया। एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ व मंडलायुक्त चैत्रा वी को एसआईटी का जिम्मा देते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की। जिसमें सबसे बड़ा सवाल हादसे के मूल कारण और लापरवाही व अनदेखियों को उजागर करना है। हालांकि यह रिपोर्ट बुधवार को ही देनी थी। मगर राहत व बचाव कार्य जारी रहने और बुधवार को मुख्यमंत्री के आने के कारण जांच पूरी नहीं हो सकी। अधिकारियों ने तीन दिन का समय मांग लिया। मुख्यमंत्री के जाने के बाद एसआईटी ने अपनी जांच तेज की और बयान दर्ज कराने के लिए लोगों को सूचीबद्ध व समयबद्ध क्रम में सूचित कर उन्हें बुलाया गया।
कुल 132 लोगों की सूची तैयार की गई। बुधवार को भी बयान हुए और बृहस्पतिवार को भी देर रात तक बयान दर्ज होने का क्रम जारी रहा। इसमें घटनास्थल पर तैनात एक एक पुलिस व अन्य सभी विभागों के कर्मचारी-अधिकारी, प्रारंभिक सूचना वाले कर्मी, एंबुलेंस कर्मी, डॉक्टर, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर, किसान, चश्मदीद, घायल, तहसील व जिला स्तर के अधिकारी, डीएम-एसपी आदि तमाम लोग शामिल हैं। इसके अलावा बाबा का नाम भी बयान दर्ज कराने वालों की सूची में शामिल है। साथ में फोर्स की तैनाती, कमी, एंबुलेंस की कमी, देरी से उपचार आदि सवालों पर जवाब लिए जा रहे हैं। इसके अलावा सेवादारों की भूमिका आदि को भी सवालों में शामिल किया जा रहा है। एसडीएम और सीओ के बृहस्पतिवार को दोबारा से बयान लिए गए।
पुलिस लाइन में बृहस्पतिवार को 75 से अधिक लोगों के बयान दर्ज हुए। मगर अधिकारी कुछ भी कहने से बचते रहे। हां, विश्वस्त सूत्रों से इशारा मिला है कि जांच अंतिम दौर में है। आज रात तक बयानों की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। आगरा, अलीगढ़, एटा तक के डॉक्टर बयानों के लिए बुलाए गए हैं। संभव हुआ तो रात में ही या सुबह रिपोर्ट तैयार कर दिन में शासन को भेज दी जाएगी। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि अब तक की जांच व बयानों में नीचे से लेकर जिला स्तर तक के कई अधिकारी व कर्मचारी निशाने पर आ सकते हैं। जिनके खिलाफ कार्रवाई की सीधी संस्तुति होगी या उन पर लापरवाही का आरोप तय होगा। यह रिपोर्ट में ही स्पष्ट होगा।
बाबा का पक्ष रखने आए अधिवक्ता एपी सिंह
अलीगढ़। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एपी सिंह बृहस्पतिवार को एसआईटी के समक्ष पहुंचे। उन्होंने वहां बाबा का पक्ष रखा। सूत्र बताते हैं कि एपी सिंह की ओर से कहा गया है कि वे हर जांच में सहयोग करने को तैयार हैं।