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क्यों वंदे भारत-गतिमान एक्सप्रेस की स्पीड होने जा रही कम? इस वजह से रेलवे ले रहा ये फैसला

नई दिल्ली:  देश में वंदे भारत और गतिमान एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनें अपनी तेज रफ्तार के लिए पहचानी जाती हैं। लेकिन अब रेलवे इन ट्रेनों की स्पीड कम करने के बारे में विचार कर रहा है। हाल ही में उत्तर मध्य रेलवे ने कुछ ट्रेनों की स्पीड को कम करने की गुजारिश की है।

दरअसल, पश्चिम बंगाल के कंजनजंगा में हुई ट्रेन दुर्घटना के बाद सुरक्षित ट्रेन परिचालन को लेकर रेलवे की चिंता बढ़ गई है। इस हादसे में 10 लोगों की जान चली गई थी। जबकि 40 लोग घायल हुए थे। इसके बाद रेलवे ने ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई रूटों पर कवच सिस्टम लगाने का काम तेजी से कर दिया है। रेलवे के द्वारा सभी रूट और ट्रेनों को स्वदेशी टक्कर रोधी उपकरण कवच से लैस करने के काम में तेजी लाई जा रही है। इसलिए सुरक्षा कवच मिलने तक तेज गति से चलने वाली ट्रेनों की गति कम की जा रही है।

कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे के कुछ दिन बाद ही रेलवे बोर्ड को एक प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव में प्रीमियम ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा से घटा कर 130 किलोमीटर प्रति घंटा की जाने की बात कही जा रही है। जानकारी के अनुसार, उत्तर मध्य रेलवे ने रेलवे बोर्ड को कुछ वंदे भारत एक्सप्रेस और गतिमान एक्सप्रेस ट्रेनों की गति को 160 किलोमीटर प्रति घंटा से घटा कर 130 किलोमीटर प्रति घंटा करने की गुजारिश की है।

इस बारें में उत्तर केंद्रीय रेलवे ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा है। इसमें ट्रेन नंबर 12050/12049 दिल्ली-झांसी-दिल्ली गतिमान एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 22470/22469 दिल्ली-खजुराहो-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 20172/20171 दिल्ली-रानी कमलापति-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस और ट्रेन नंबर 12002/12001 दिल्ली-रानी कमलापति-दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस की रफ्तार कम कराने का सुझाव दिया गया है। इस रूट पर कवच नेटवर्क तैयार करने का काम चल रहा है।

रेलवे बोर्ड अगर इस सुझाव का मान लेता है, तो वंदे एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस की गति 30 किलोमीटर प्रति घंटा कम हो जाएगी। ऐसे में इनको अपना सफर तय करने में 25 से 30 मिनट का ज्यादा समय लगेगा। इन बदलावों की वजह से कम से कम 10 प्रीमियम ट्रेनों की टाइमिंग भी बदलनी पड़ेगी।

नई दिल्ली-मुंबई रेलखंड की क्षमता 160 की जानी है
वर्ष 2016 में गतिमान एक्सप्रेस को चलाने के लिए नई दिल्ली से आगरा रेलखंड की गति क्षमता 150 किलोमीटर से बढ़ाकर 160 किलोमीटर की गई थी। इसके बाद इस रेलखंड पर रानी कमलापति व खजुराहो वंदे भारत को भी अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाने का निर्णय लिया गया। अन्य रेलखंड पर वंदे भारत 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलती है। वहीं, नई दिल्ली से आगरा होते हुए मुंबई रेलखंड पर ट्रेनों की गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा किया जाना है। इसका काम चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह काम पूरा होने के बाद इस रूट पर चलने वाली वंदे भारत, शताब्दी, राजधानी सहित अन्य ट्रेनों की गति बढ़ाई जाएगी।