कर्नाटक की हासन सीट से पूर्व सांसद रहे प्रज्ज्वल रेवन्ना की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब बंगलूरू की अदालत ने प्रज्ज्वल की जमानत याचिका खारिज कर दी है। बता दें कि प्रज्ज्वल पर कई महिलाओं के यौन शोषण और दुष्कर्म का आरोप है। 33 वर्ष के पूर्व जेडी-एस नेता को विशेष जांच दल (एसआईटी) की हिरासत में रखा गया है।
मंगलवार को दर्ज हुई थी एक और एफआईआर
25 जून को पूर्व जेडी-एस नेता पर एक और एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर में कुल मिलाकर तीन लोगों के नाम शामिल किया गया। इनमें हासन से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक प्रीतम गौड़ा का नाम भी शामिल है। गौड़ा पर प्रज्ज्वल द्वारा पीड़िता के यौन शोषण के दौरान खींची गईं तस्वीरों को साझा करने का आरोप है। इस नई एफआईआर के साथ प्रज्ज्वल पर अब तक कुल चार मामले दर्ज हो गए।
उधर, एसआईटी की टीम प्रज्ज्वल को उनकी मां भवानी रेवन्ना के होलेनरासीपुर स्थित आवास भी ले गई। दरअसल प्रज्ज्वल के खिलाफ दर्ज तीसरी एफआईआर में भवानी रेवन्ना का भी नाम शामिल है। उन पर प्रज्ज्वल का साथ देने का आरोप है।
31 मई को गिरफ्तार किए गए थे प्रज्ज्वल
पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते प्रज्ज्वल को लोकसभा चुनाव में हार का सामना भी करना पड़ा है। हासन लोकसभा सीट पर मतदान संपन्न होने के अगले दिन यानी 27 अप्रैल को प्रज्ज्वल जर्मनी चले गए थे। इसके बाद जब वे 31 मई को भारत लौटे तो एसआईटी ने उन्हें एयपोर्ट पर ही गिरफ्तार कर लिया था। प्रज्ज्वल के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ‘ब्लू कॉर्नर’ नोटिस भी जारी किया गया था। प्रज्ज्वल रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न के तीन मामले दर्ज हैं। इसके अलावा उन पर कई महिलाओं से दुष्कर्म का भी आरोप है। जब पूर्व सांसद के खिलाफ मामले दर्ज किए गए, इसके बाद जेडी-एस ने उन्हें पार्टी से भी निलंबित कर दिया था।