मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में मिल रहे घटिया खाना और खाने के ज्यादा पैसा वसूलने की यात्रियों की शिकायत पर भारतीय रेलवे एक्शन लेने जा रहा है। रेलवे बोर्ड ने कैटरिंग सर्विस के औचक निरीक्षण का आदेश दिया है। बोर्ड के आदेश के बाद टीम का गठन किया गया है। इस टीम में मेडिकल विभाग के अधिकारी खाने की गुणवत्ता, वाणिज्य विभाग के अधिकारी ओवरचार्जिंग और मैकेनिकल विभाग के अधिकारी सेफ्टी उपकरणों की जांच करेंगे।
भारतीय रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, कई रेल मंडलों में 14 जून से ही ट्रेनों में औचक निरीक्षण जांच शुरू कर दी गई है। रेलवे प्रीमियम ट्रेन राजधानी, शताब्दी सहित कई मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों की कैटरिंग सर्विस की जांच की करेगा। इन ट्रेन में यह औचक निरीक्षण 28 जून तक किया जाएगा। ट्रेनों की कैटरिंग सर्विस की जांच की रिपोर्ट रेलवे बोर्ड के आला अधिकारियों को सौंपी जाएगी। इस रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
इसलिए हो रही है जांच
रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को अपने आदेश में कहा है कि कैटरिंग सर्विस को लेकर लगातार यात्रियों की शिकायतें आ रही हैं। इनमें खाने की गुणवत्ता को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। खाने की गुणवत्ता के साथ ही खाने के ज्यादा पैसा वसूलने की शिकायत भी मिल रही है। ऐसे में सभी ट्रेनों के पैंट्री कोच की जांच करनी बहुत जरूरी है। जिन मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में पैंट्री नहीं है, उनकी ट्रेनों की साइड कैटरिंग की जांच अनिवार्य है। खाने को लेकर विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की जाए।
ग्लास पर लिखी होगी चाय की मात्रा
ट्रेनों में पैंट्री कार कोच से दी जाने वाली चाय के ग्लास में अक्सर चाय की मात्रा कम होने की शिकायत मिलती है। इस पर रोक लगाने के लिए भी रेलवे ने पहल शुरू कर दी है। पश्चिम रेलवे के स्टेशनों से बनकर चलने वाली कई ट्रेनों के पैंट्री कोच से आईआरसीटीसी से दिए जाने वाले चाय के ग्लास पर चाय की मात्रा लिखी होगी। अगर इसका भी कोई बिल नहीं देता है, तो यात्री 139 पर इसकी शिकायत कर सकते हैं।