अयोध्या: हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास और डीएम नितीश कुमार के बीच हुई बहस और सुरक्षा हटाए जाने के प्रकरण में भाजपा मझधार में फंस गई है। पार्टी के बड़े नेता इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। जबकि कार्यकर्ता आत्म सम्मान का सवाल उठा रहे हैं। संगठन ने इस मसले पर प्रदेश अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। इन सबके बीच सोशल मीडिया पर बहस का दौर थम नहीं रहा है।
प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों सूर्य प्रताप शाही और जयवीर सिंह की मौजूदगी में सरयू अतिथि गृह में पुजारी और डीएम के बीच हुई तनातनी पर चर्चाओं का दौर थम नहीं रहा है। भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के साथ प्रशासनिक अधिकारियों और आम लोग इसी बात पर चर्चा कर रहे हैं कि अब आगे इस पर क्या होगा? इस बीच राजू दास, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से मिलकर पूरे मामले पर अपना पक्ष रख आए हैं। उधर, डीएम पहले ही स्वीकार कर चुके हैं कि पुजारी के आपराधिक प्रवृत्ति का होने के चलते उन्होंने उनके साथ बैठने से मना कर दिया था।
-घटना के चार दिन बाद भी सोशल मीडिया पर पक्ष और विपक्ष में बयानबाजी जारी है। उदाहरण के तौर पर भाजपा से जुड़े एक व्यापारी नेता अपनी पोस्ट में लिखते हैं कि पुजारी राजू दास के प्रकरण में पता चल जाएगा कि भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ है कि अधिकारियों के साथ। इस पोस्ट के कमेंट बाॅक्स को चेक करने पर पता चलता है कि पार्टी के भीतर ही इस मामले को लेकर कितनी बेचैनी है। कोई कहता है कि कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान का ख्याल नहीं रखा गया तो गलत संदेश जाएगा। कई ऐसे लोग भी रहे जो राजू दास के खिलाफ थानों में दर्ज एफआईआर की कॉपी शेयर कर रहे हैं।
-भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव सिंह से जब पूछा गया कि इस चर्चित मामले में पार्टी का क्या स्टैंड है तो उन्होंने बताया कि संगठन की ओर से प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को विस्तृत रिपोर्ट भेज दी गई है। इसमें सभी बातों का उल्लेख किया गया है। अब पार्टी नेतृत्व को निर्णय करना है, हमने अपना काम कर दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब यह घटनाक्रम हुआ था, तब वहां पर प्रदेश सरकार के दो मंत्री मौजूद थे। उन्होंने भी सरकार और संगठन को प्रकरण में तथ्यों की जानकारी दी होगी।