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हिंदुजा परिवार ने सजा के खिलाफ दायर की अपील, बोले- अदालत के फैसले से हैरान हैं

ब्रिटेन के सबसे धनी हिंदुजा परिवार ने शुक्रवार को कहा कि वे परिवार के कुछ सदस्यों के खिलाफ जिनेवा की अदालत के फैसले से हैरान हैं। हिंदुजा परिवार ने घरेलू कामगारों का शोषण करने का दोषी ठहराए जाने वाले अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में अपील दायर की है। परिवार के वकीलों ने बताया है कि हिंदुजा परिवार के किसी सदस्य को हिरासत में नहीं लिया गया है।

परिवार के किसी सदस्य को हिरासत में नहीं लिया गया
मामले की सुनवाई के दौरान हिंदुजा परिवार के सदस्यों पर मानव तस्करी के भी आरोप लगे थे, लेकिन उन आरोपों से परिवार को बरी कर दिया गया है। हिंदुजा परिवार की ओर से जारी बयान में उनके वकीलों ने जोर देकर कहा कि ‘उनके मुवक्किल प्रकाश और कमल हिंदुजा, और उनके बेटे अजय और उनकी पत्नी नम्रता को सभी मानव तस्करी के आरोपों से बरी कर दिया गया है। उन्होंने मीडिया की उन खबरों को भी खारिज कर दिया कि जिनेवा की अदालत के फैसले के बाद परिवार के किसी भी सदस्य को हिरासत में लिया जा सकता है।’ अदालत ने परिवार को चारों सदस्यों को चार से साढ़े चार साल जेल की सजा सुनाई है।

‘वादी ने शिकायत वापस ली’
वकील येल हयात और रॉबर्ट असैल और रोमन जॉर्डन द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा गया है कि ‘हमारे मुवक्किलों को सभी मानव तस्करी के आरोपों से बरी कर दिया गया है। हम न्यायालय में लिए गए फैसले से स्तब्ध और निराश हैं, और हमने निश्चित रूप से उच्च न्यायालय में अपील दायर की है, जिससे निर्णय का यह भाग प्रभावी नहीं रह गया है। स्विस कानून के तहत, सर्वोच्च न्यायाधिकरण द्वारा अंतिम निर्णय लागू होने तक आरोपी को निर्दोष माना जाता है। कुछ मीडिया रिपोर्टों के विपरीत, परिवार के किसी भी सदस्य को हिरासत में नहीं रखा गया है।’ वकीलों ने यह भी बताया कि ‘इस मामले में वादी ने अपनी संबंधित शिकायतें वापस भी ले ली थीं और कहा कि उनका ऐसी कार्यवाही में शामिल होने का कभी इरादा नहीं था। परिवार को न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है और उन्हें विश्वास है कि सच्चाई सामने आएगी।’

हिंदुजा परिवार के सदस्यों पर हैं ये आरोप

गौरतलब है कि हिंदुजा परिवार के सदस्यों पर आरोप है कि उन्होंने अपने जिनेवा स्थित विला पर काम करने वाले घरेलू कर्मचारियों के पासपोर्ट जब्त किए, उन्हें विला से बाहर जाने से रोका और स्विट्जरलैंड में बहुत कम पैसे में बहुत लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर किया। कुछ कर्मचारी कथित तौर पर केवल हिंदी बोलते थे और उन्हें अपने देश में बैंकों में रुपये में वेतन दिया जाता था। हिंदुजा परिवार पर घरेलू कामगारों का शोषण करने का आरोप है। परिवार की कानूनी टीम ने आरोपों का खंडन किया और अदालत को बताया कि कर्मचारियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया गया और उन्हें आवास प्रदान किया गया।