आपके चेहरे पर मुंहासे निकलते होंगे, मगर इसकी वजह आपकी समझ में नहीं आती होगी। यदि आप बार-बार निकलने वाले मुंहासों से निजात पाना चाहती हैं तो फेस मैंपिग इसमें आपकी मदद कर सकती है। चेहरे पर मुंहासे या पिंपल खत्म करने के लिए हम क्या नहीं करते हैं। क्रीम, थेरेपी, मेडिसिन हर तरह के उपाय अपनाते हैं, फिर भी मुंहासे चेहरे की खूबसूरती बिगाड़ ही देते हैं।
दरअसल, हम मुंहासे होने का सही कारण जानते ही नहीं, न ही कभी समझने का प्रयास करते हैं, जिसकी वजह से इसका सही समाधान हो ही नहीं पाता है। असल में, हम त्वचा के ऊपरी हिस्से पर काम करते हैं, लेकिन इसकी वजह अंदरूनी होती है, जो कि हमारे स्वास्थ्य से जुड़ी होती है। यह सिर्फ त्वचा से जुड़ी समस्याओं के कारण नहीं, बल्कि हमारे शरीर के जिस भी अंग में गड़बड़ी होगी और त्वचा का जो भी हिस्सा उससे जुड़ा होगा, वहां दाने या मुंहासे निकलते हैं। त्वचा का इस तरह से किया गया गहन विश्लेषण फेस मैपिंग कहलाता है।
क्या है फेस मैपिंग
चेहरे पर मुंहासों के घावों के पैटर्न की पहचान करने के लिए फेशियल मैपिंग, जिसे फेस मैपिंग भी कहा जाता है, एक विधि है, जो इसके अंतर्निहित कारणों को निर्धारित करने और उचित उपचारों का चयन करने में सहायता करती है। फेस मैपिंग एक ऐसी प्राचीन तकनीक है, जो कि तीन हजार साल पुरानी त्वचा विश्लेषण पद्धति है।
चेहरे पर एक्ने की समस्या को दूर करने के लिए इसका उपयोग कारगर माना जाता है। हालांकि अब तक इसको पूरी तरह प्रमाणित नहीं किया गया है, लेकिन आज के समय में सौंदर्य और त्वचा विशेषज्ञ इसका उपयोग करने लगे हैं। वैज्ञानिक तौर पर फेस मैपिंग आपके स्वास्थ्य का हाल-चाल बताने में और त्वचा के किस हिस्से में क्यों एक्ने हो रहे हैं, इसका विश्लेषण करने में में मदद करती है। फेस मैपिंग का उपयोग लालिमा, खाद्य एलर्जी के कारण चकत्ते, रेखाएं, सूजन और झुर्रियों जैसी समस्याओं के इलाज में भी किया जा सकता है। फेस मैपिंग में चेहरे को कम से कम 10 अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है।
एक्ने होने की सही वजह
माना जाता है कि चेहरे पर दाने तब निकलते हैं, जब चेहरे को साफ-सफाई से नहीं धोया जाता, जिस वजह से स्किन के पोर्स ब्लॉक हो जाते हैं। इसके अलावा स्किन में किसी भी तरह की समस्या हो, तब भी चेहरे पर तरह-तरह की समस्याएं देखी जाती हैं। कई बार पिंपल हमारी सेहत के बारे में कुछ इशारा कर रहे होते हैं। खासतौर पर ये कहां निकल रहे हैं, यह एक संकेत है कि शरीर के किसी अंग में कोई न कोई समस्या जरूर है।
त्वचा विशेषज्ञ बताते हैं कि स्किन में होने वाली एलर्जी, रेडनेस, एक्ने, दाने या किसी भी तरह की समस्या कई बातों पर निर्भर करती है, जैसे कि एलर्जी, गलत डाइट, तनाव का स्तर बढ़ना, हार्मोन का असंतुलित होना, उम्र और आनुवंशिकता। त्वचा विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि फेस मैपिंग के जरिये त्वचा के कई हिस्सों में होने वाले दानों की वजहों का पता लगाया जा सकता है।
विज्ञान क्या कहता है
इस प्रश्न का उत्तर देते हुए कुछ शोध कहते हैं कि चेहरे पर कुछ खास तरह की त्वचा संबंधी समस्याएं होती हैं, जो खास क्षेत्रों में दिखाई देती हैं। ये ठोड़ी या गालों पर मुंहासे एवं लालिमा, हार्मोन असंतुलन, तनाव या प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कुछ प्रकाशित शोध यह भी बताते हैं कि फेस मैपिंग से त्वचा को लाभ हो सकता है। 2019 के एक अध्ययन में यह भी कहा गया कि चेहरे की त्वचा में ट्रांस एपीडर्मल वॉटर लॉस (टीईडब्ल्यूएल), कैपेसिटेंस, रक्त प्रवाह, सीबम, पीएच और तापमान में अलग-अलग क्षेत्रीय अंतर प्रदर्शित होते हैं, जिसका अर्थ है कि चेहरे के कुछ हिस्से जीवन-शैली में बदलाव से प्रभावित हो सकते हैं। आधुनिक त्वचा विज्ञान के अनुसार, चेहरे पर प्रकट होने वाली अधिकांश त्वचा संबंधी समस्याएं स्वास्थ्य से जुड़ी होती हैं, जो कि मूल कारण को संदर्भित करती हैं।