जब भी लखनऊ का नाम लोगों के जहन में आता है तो वहां का खाना और चिकनकारी वर्क का ख्याल सबसे पहले आता है। चिकनकारी वर्क इतना हल्का और आरामदायक होता है कि लोग उसे गर्मी के मौसम में ही पहनना ज्यादा पसंद करते हैं।एक समय था जब चिकनकारी वर्क के कपड़े कुछ लिमिटेड जगहों पर ही मिलते थे, लेकिन आज के समय में आपको ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन तक चिकनकारी वर्क के कपड़े आसानी से मिल जाते हैं। इनका दाम भी काफी कम होता है।
ऐसे में लोगों को ये समझ ही नहीं आता कि ये कहीं वो नकली चिकनकारी वर्क के झांसे में तो वो नहीं आ गए। कई बार तो दुकानदार ही आपको असली चिकनकारी के नाम पर मशीन की कढ़ाई वाला कपड़ा पकड़ा ठग भी सकते हैं। इसी के चलते आज के इस लेख में हम आपको असली चिकनकारी वर्क पहचानने के 4 बेस्ट तरीके बताने जा रहे हैं। ताकि आप भी नकली काम के झांसे में न पड़ें।
होती हैं खामियां
अगर आप असली चिकनकारी वर्क की तलाश कर रहे हैं तो इसकी कढ़ाई पर ध्यान दें। असली चिकनकारी वर्क हाथ से किया जाता है। ऐसे में कई बार कपड़े में अंदर की तरफ लंबे धागे रह जाते हैं। इसके साथ ही कपड़े के उल्टी तरफ आपको धागों में गांठे लगी भी दिखाई देती हैं। जबकि अगर ये वर्क नकली होगा और इस पर मशीन से काम किया गया होगा तो कपड़े के उल्टी तरफ का हिस्सा एकदम साफ होता है।
रंग का रखें ध्यान
असली चिकनकारी वर्क को डाई करने के लिए प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में ये काफी हल्के होते हैं। लेकिन अगर आपको कपड़े पर ज्यादा डार्क और चमकीले रंग दिखाई दे रहे हैं तो इसका मतलब साफ है कि ये नकली चिकनकारी वर्क है।
कढ़ाई पर दें ध्यान
अगर आपको असली चिकनकारी की पहचान है तो ये भी पता होगा कि असली चिकनकारी में लगभग 40 प्रकार के टांके और जालियां होते हैं। इनमें बखिया सबसे आम कढ़ाई है। वहीं सबसे मुश्किल और कीमती टांका है नुकीली मुर्री होता है। ज्यादातर कपड़ों में बखिया का काम होता है, जोकि कपड़े की बैक साइड पर क्रिस क्रॉस नजर आती है।
कीमत होती है ज्यादा
असली चिकनकारी वर्क काफी मेहनत से किया जाता है। ऐसे में इसकी कीमत काफी ज्यादा होती है। अगर आपको ये बेहद कम दामों में मिल रहा है तो एक बार इसके वर्क को अच्छी तरह से परख लें, ताकि कहीं आप भी नकली चिकनकारी वर्क में न फंस जाएं।