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ब्लैडर कैंसर के खतरे को छह गुना तक बढ़ा देती है ये आदत, समय पर पहचाने जाएं लक्षण तो बच सकती है जान

कैंसर दुनियाभर में तेजी से बढ़ती बीमारी है, जिसके कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। ब्लैडर यानी मूत्राशय के कैंसर के मामलों में भी वैश्विक स्तर पर उछाल देखा जा रहा है। ब्लैडर कैंसर, मूत्राशय की कोशिकाओं में शुरू होता है। अगर आपके पेशाब से खून आता है, पेशाब करने में दर्द होता है या फिर बार-बार पेशाब जाने की जरूरत महसूस होती है तो इसे ब्लैडर कैंसर का संकेत माना जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, महिलाओं की तुलना में पुरुषों में इस कैंसर का खतरा अधिक देखा जाता रहा है।

ब्लैडर कैंसर के बढ़ते जोखिमों और इसके कारणों को समझने के लिए किए गए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने धूम्रपान को इसका प्रमुख जोखिम कारक माना है। विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के वर्षों में निदान किए गए इस कैंसर के 50-60 फीसदी मामलों की प्रमुख वजह भी धूम्रपान है। अगर आप भी धूम्रपान करते हैं तो इसे तुरंत छोड़ दीजिए।

धू्म्रपान के कारण ब्लैडर कैंसर का खतरा

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, धूम्रपान की आदत मूत्राशय के कैंसर के खतरे को छह गुना तक बढ़ देती है। सिगरेट पीने से मूत्र में हानिकारक रसायन जमा होने से मूत्राशय कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। जब आप धूम्रपान करते हैं, तो आपका शरीर धुएं में मौजूद रसायनों को संसाधित करता है और उनमें से कुछ को आपके मूत्र में उत्सर्जित करता है। ये हानिकारक रसायन आपके मूत्राशय की परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे आपके कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

इसी तरह से कुछ प्रकार के रसायनों के अधिक संपर्क में रहने के कारण भी आप मूत्राशय के कैंसर के शिकार हो सकते हैं।

इन जोखिम कारकों को भी जानना जरूरी

धूम्रपान के कारण ब्लैडर कैंसर का जोखिम तो बढ़ता ही है इसके अलावा भी कई अन्य जोखिम कारक हैं जिनको लेकर सभी लोगों को गंभीरता से ध्यान देते रहने की जरूरत होती है। उम्र बढ़ने के साथ मूत्राशय कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है, हालांकि यह किसी भी उम्र में हो सकता है। 55 साल से अधिक उम्र के लोगों में इस कैंसर का खतरा अधिक देखा जाता रहा है।

इसके अलावा यदि आपके परिवार में पहले भी किसी की ब्लैडर कैंसर रहा है तो अन्य लोगों में भी इसका जोखिम हो सकता है।

कैसे करें इसके लक्षणों की पहचान?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कैंसर कोई भी हो, अगर इसके लक्षणों की समय पर पहचान होकर इलाज शुरू हो जाए तो कैंसर के फैलने का खतरा कम हो सकता है। अगर आपको लगता है कि आपके पेशाब का रंग कुछ समय से बदला दिख रहा है, उसमें खून आ रहा है तो शीघ्रता से डॉक्टर से मिलकर इसकी जांच करवाएं। पेशाब में होने वाली समस्याओं के साथ कुछ लोगों को अक्सर पीठ में दर्द की दिक्कत भी बनी रहती है।

कैसे करें ब्लैडर कैंसर के जोखिमों से बचाव?

मूत्राशय कैंसर को रोकने का कोई सटीक तरीका नहीं है, फिर भी आप अपने जोखिम को कम करने में मदद के लिए कुछ प्रयास कर सकते हैं। अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे तुरंत छोड़ दें। धूम्रपान छोड़ने से आप इस कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं। धूम्रपान के अलावा जो लोग रसायनों के अधिक संपर्क में रहते हैं उनमें भी कैंसर विकसित होने का खतरा अधिक देखा जाता है।

आहार में विभिन्न प्रकार के रंगीन फलों और सब्जियों को शामिल करना शरीर को स्वस्थ रखने और कैंसर के खतरे से बचाव करने का एक तरीका हो सकता है। फलों और सब्जियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर के जोखिमों को कम करने में मदद कर सकते हैं।