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ट्रेनों में गति सीमा के उल्लंघन की होगी जांच, रेलवे बोर्ड ने गठित की समिति

 नई दिल्ली: रेलवे बोर्ड ने एक समिति का गठन किया है। यह समिति इस बात पर नजर रखेगी कि ट्रेनों का सुरक्षित रूप से संचालन किया जा रहा है या नहीं? दरअसल, रेलवे बोर्ड को शिकायत मिली है कि कुछ ट्रेनों का संचालन गति सीमाओं (Speed Restrictions) के उल्लंघन के साथ किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड द्वारा गठित की गई समिति इन उल्लंघनों के कारणों का पता लगाएगी।

रेलवे बोर्ड को इन मामलों की शिकायत मिली
सूत्रों का कहना है कि रेलवे बोर्ड ने हाल में कुछ मामलों का संज्ञान लिया है। बताया गया है कि दो ट्रेन ड्राइवरों ने एक नदी के पुल पर 20 किमी प्रति घंटे की गति प्रतिबंध का उल्लंघन किया। बताया गया है कि पुल का रखरखाव किया जा रहा था। इस दौरान चालकों ने अपनी ट्रेनों को पुल पर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया।

  • पहला मामला गतिमान एक्सप्रेस से जुड़ा है। यह भारत से पहली सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन है। यह ट्रेन हजरत निजामुद्दीन (दिल्ली) से वीरांगना लक्षंमीबाई झांसी स्टेशन (उत्तर प्रदेश) के बीच 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। बताया गया है कि ट्रेन के लोको पायलट
  • और सह लोको पायलट ने आगरा कैंट के पास जाजऊ और मनिया रेलवे स्टेशन के बीच तय किए गए गति सीमा का उल्लंघन किया। गतिमान एक्सप्रेस के कुछ दिनों के बाद मालवा एक्सप्रेस ने भी उसी स्थान में तय किए गए गति सीमा का उल्लंघन किया। ट्रेन को 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया।

रेलवे बोर्ड ने जारी किए निर्देश
इन घटनाओं के तुरंत बाद रेलवे बोर्ड ने 3 जून को सभी रेलवे जोन के लिए एक निर्देश जारी किया। निर्देश में बताया गया कि रेलवे बोर्ड ने लोको पायलटों और ट्रेन प्रबंधकों को जारी किए जा रहे आदेशों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है।

इन नियमों का रखना होगा ध्यान
बैठक में रेलवे बोर्ड ने बताया कि रेलवे ट्रैक की स्थिति, मरम्मत कार्य, पुराने रेलवे पुलों के रखरखाव के दौरान ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए गति प्रतिबंध लगाए जाते हैं। यह भी बताया गया कि इंजन पर चढ़ने से पहले, लोको पायलट और उनके सहायक को गति सीमा के साथ एक पूरा रूट चार्ट दिया जाता है। लोको पायलट्स को चार्ट के अनुसार ही गति बनाए रखनी होती है। बैठक में लोको पायलट्स की शिकायतों का भी ध्यान रखा गया।