बिजनौर: चार साल के इकलाैते बेटे को मां ने फावड़े से काटा, नहीं मरा तो उसे गैस के चूल्हे पर जलाया, नहीं जला तो फिर लकड़ियों में आग लगाकर जिंदा जलाने लगी….. ये कोई कहानी आपको नहीं बता रहे हैं, बल्कि बिजनाैर में हुई एक ऐसी घटना के बारे में आपको बता रहे हैं, जिसे जानकर हर किसी की रूह कांप गई। एक ऐसी वारदात जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते।
कहते हैं कि मां की दुआ के आगे बड़ी से बड़ी मुसीबत टल जाती है। संतान की बात आती है तो मां माैत से भी लड़ जाती है, लेकिन जब एक मां अपने ही बच्चे की जान लेने पर आ जाए तो आप क्या कहेंगे। बिजनाैर में भी ऐसा ही कुछ हुआ, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया।
यह वारदात है बिजनौर के हीमपुर दीपा थाना क्षेत्र की है। गांव जलालपुर हसना में एक महिला ने अपने चार वर्षीय मासूम बेटे की हत्या कर दी। उसने बेटे को पहले फावड़े से काटने की कोशिश की, नहीं कटा तो उसको गैस के चूल्हे पर रख कर जलाने की कोशिश की। बच्चे की जान फिर भी नहीं निकली तो लकड़ियों का ढेर बनाया उसमें आग लगाई और मासूम को उस आग के हवाले कर दिया।
उसी वक्त बच्चे का बाप कपिल घर पर आ गया। उसने आंखों के सामने जो मंज़र देखा उसके होश उड़ गए। कपिल ने देखा कि सुलगती हुई लकड़ियों के बीच उसका बेटा पड़ा हुआ जल रहा है। किसी तरह उसने बच्चे को आग से बाहर निकाला, देखा तो उसकी सांसे चल रही थीं। वह जैसे तेैसे बच्चे कोझुलसी हुई हालत में लेकर पास के अस्पताल लेकर भागा लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।सांस चलती देख वह उसे एक निजी चिकित्सक के पास ले गया। रास्ते में बालक ने दो हिचकियां ली। इसके बाद चिकित्सक ने बालक को मृत घोषित कर दिया। हालांकि महिला से भी पूछताछ कुछ भी बोल नहीं बोली।
महिला ने उस वक्त घटना को अंजाम दिया, जब घर में वह और उसका चार वर्षीय बेटा हर्ष उर्फ कल्लू घर में थे। बालक के पिता खेत पर गए थे। घटना से पहले बालक को उसके दादा ने पॉपकॉर्न दिलाया था। जिसे लेकर वह घर गया था। इस दौरान ही मां आदेश ने बेटे हर्ष उर्फ कल्लू के गले पर फावड़ा चलाया। हालांकि गर्दन पूरी तरह से नहीं कटी थी। लेकिन गहरा घाव बन गया था।
मृतक के पिता कपिल ने बताया कि सुबह वह ठीक थी। घर में दाल बनी रखी थी और आटा गुंथा हुआ था, लेकिन समझ में नहीं आ आया कि आखिरकार उसने यह खौफनाक कदम क्याें उठाया। गांव जलालपुर हसना निवासी कपिल कुमार की गांव मोहल्लरपुर निवासी आदेश देवी से पांच साल पहले शादी हुई थी। शादी के करीब एक साल बाद घर में बेटा हुआ था। इससे परिवार में खुशी का माहौल था। मगर अब सभी का दुलारा हर्ष परिवार को रोता-बिखलता छोड़ गया।