बिहार ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से देश का महत्वपूर्ण राज्य है, जहाँ कई पर्यटन स्थल हैं जो देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यहां बोधगया है, जो धार्मिक महत्व रखता है, जो नहीं नालंदा में देश का एक प्रमुख शिक्षा केंद्र है। राजगीर में विश्व शांति स्तूप है तो वहीं पटना में गुरुद्वारा पटना साहिब है। हालांकि प्राकृतिकता की दृष्टि से भी बिहार समृद्ध है। बिहार के पांच जलप्रपात बेहद खूबसूरत हैं, जिनका नजारा अद्भुत अनुभव की अनुभूति कराता है। अगर आप कभी बिहार आएं तो इन प्रसिद्ध और खूबसूरत झरने को जरूर देखने जाएं।
घूमने के लिए बिहार के सबसे खूबसूरत झरने
ककोलत झरना
बिहार के नवादा जिले से लगभग 33 किमी दूर काकोलत जलप्रपात है जो कि 160 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरता है। इस झरने का पानी हर मौसम में ठंडा ही रहता है। गर्मियों की छुट्टियों में यह झरना स्थानीय लोगों के लिए किसी पिकनिट स्पॉट या हिल स्टेशन से कम नहीं होता।
करकट जलप्रपात
राज्य के कैमूर जिले में कैमूर की पहाड़ियों में शानदार करकट झरना बसा है। इस झरने के पास लोग सैर सपाटे पर आना पसंद करते हैं। यहां पानी में नौका विहार, तैराकी और मछली पकड़ने की सुविधा उपलब्ध है। पास में ही कैमूर वन्यजीव अभयारण्य स्थित है।
धुआं कुंड जलप्रपात
बिहार के कुंड सासाराम से 10 किमी दूर कैमूर की पहाड़ी से धुआं कुंड नाम का झरना गिरता है। यह इतना विशाल और खूबसूरत है कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है। झरने का जल बहुत तेज है और यहां रक्षाबंधन का मेला लगता है।
तुतला भवानी जलप्रपात
बिहार के रोहतास क्षेत्र में तुतला भवानी जलप्रपात स्थित है। इसे तुतराही झरना भी कहते हैं। यह जलप्रपात देहरी ऑन सोन से कुछ किमी दूरी पर दक्षिण की ओर है। यह झरना दो विशाल पहाड़ियों के बीच से नीचे गिरता है। यहां पास में ही तारा चंडी मंदिर, नेहरू पार्क भी है।
हनुमान धारा झरना
राज्य के सिकरिया में हनुमान धारा झरना है, जिसे बिहार का दिल कहते हैं। यहां लंका में आग लगाने के बाद हनुमान जी के लिए भगवान श्रीराम ने झरने का निर्माण किया था। झरने की ऊंचाई 150 फीट है। चित्रकूट बस स्टैंड से झरना महज 5 किमी टूर है।