पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक और पूर्व पीएम इमरान खान को देश में राजनीतिक सुलह के रास्ते में मुख्य बाधा बताया है। शरीफ ने राजनीतिक सुलक के लिए बातचीत के प्रति सत्तारूढ़ पीएमएल-एन पार्टी की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि वह बदले की भावना से काम नहीं करती है। शरीफ ने यह टिप्पणी शुक्रवार शाम को पार्टी सीनेटरों के साथ एक बैठक के दौरान की। इस बैठक में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के साथ बातचीत के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई।
सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शरीफ ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री खान खुद वार्ता की प्रक्रिया में गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं, जो सार्थक वार्ता के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है। नवाज ने पार्टी सांसदों से कहा, ‘जब कोई गंभीर नहीं है तो कोई कैसे बातचीत कर सकता है?’ शरीफ (74) ने अतीत की उन घटनाओं का जिक्र किया, जब खान ने दोस्ती के प्रस्ताव ठुकराए थे। शरीफ ने कहा यह रचनात्मक वार्ता करने के प्रति अनिच्छा का संकेत है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “मैं खुद बानी गाला (इमरान खान के घर) गया। हमारी ईमानदारी को हमारी कमजोरी माना जाता है।”। राजनीतिक मतभेदों के बावजूद बातचीत के महत्व को रेखांकित करने के लिए नवाज ने कड़े विरोध का सामना करने के बावजूद दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के साथ अपनी मुलाकात का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि चूंकि वह राजनीतिक प्रतिशोध में विश्वास नहीं करते थे, इसलिए उन्होंने और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने लोकतंत्र के चार्टर पर हस्ताक्षर किए थे।