Monday , December 23 2024
Breaking News

‘एनसीपी का कोई विधायक शरद पवार गुट के साथ नहीं जा रहा’, सुनील तटकरे बोले- जानबूझकर ये अफवाह फैलाई

एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने उन दावों को खारिज कर दिया है, जिनमें कहा जा रहा था कि एनसीपी के कई विधायक शरद पवार गुट के संपर्क में हैं। सुनील तटकरे ने कहा कि ये सिर्फ अफवाहें हैं और जानबूझकर ये अफवाहें फैलाई जा रही हैं। सुनील तटकरे ने ये भी बताया कि वह एनडीए की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली जा रहे हैं।

‘जानबूझकर फैलाई जा रही अफवाहें’
एनसीपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि ‘पार्टी की कोर कमेटी की आज बैठक हुई, जिसमें लोकसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा की गई। आगामी विधानसभा चुनाव में हम ज्यादा आक्रामक तरीके से प्रचार करेंगे। एनसीपी के सभी विधायकों की शाम में बैठक होगी, जिसमें चुनाव से संबंधित चर्चा होगी।’ तटकरे ने कहा ‘जानबूझकर ये अफवाह फैलाई जा रही है कि हमारे विधायक शरद पवार गुट के संपर्क में है। हमारे सभी विधायक हमारे साथ हैं और हम एक टीम हैं। ऐसी अफवाहें और फर्जी वीडियो चुनाव के दौरान भी प्रसारित किए गए थे। अजित पवार, प्रफुल पटेल और मैं, हम सभी दिल्ली जा रहे हैं, जहां हम एनडीए सांसदों की बैठक में शामिल होंगे।’

मीडिया रिपोर्ट्स में किया जा रहा था दावा
दरअसल कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि लोकसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद अजित पवार की एनसीपी के कई विधायक पाला बदलकर शरद पवार की एनसीपी एसपी में शामिल हो सकते हैं। रिपोर्ट्स में कहा गया कि अजित पवार की पार्टी के 12-13 विधायक एनसीपी एसपी में शामिल हो सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अब एनसीपी महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट विस्तार की मांग कर सकती है। हालांकि इसका फैसला सीएम और दो डिप्टी सीएम द्वारा ही किया जाएगा। वहीं शरद पवार ने गुरुवार को मुंबई में अपनी पार्टी के नवनिर्वाचित सांसदों से मुलाकात की। एनसीपी के विधायकों के कथित तौर पर एनसीपी एसपी में शामिल होने की चर्चाओं पर एनसीपी एसपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

लोकसभा चुनाव में एनसीपी एसपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए आठ लोकसभा सीटों पर कब्जा किया। वहीं उद्धव ठाकरे की शिवसेना को नौ सीटें मिली हैं। अजित पवार की एनसीपी को महज एक सीट से संतोष करना पड़ा। माना जा रहा है कि उद्धव की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी को सहानुभूति का फायदा मिला है।