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जयराम रमेश का तंज- कौन है स्वघोषित चाणक्य जो सीटों की बख्शीश ढूंढते हुए कई दरवाजे ‘खटाखट’ खटखटा रहे

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ‘इंडिया गठबंधन’ में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। खासतौर पर, कांग्रेस पार्टी के नेता जयराम रमेश, भाजपा पर निशाना साधने में कोई कसर बाकी नहीं रख रहे। उन्होंने बुधवार को एक के बाद एक, कई ट्वीट कर दिए। अपने ट्वीट में जयराम रमेश ने दो शब्दों ‘मास्टर डिस्टॉर्टियन’ और ‘स्वघोषित चाणक्य’ का इस्तेमाल किया है। जयराम ने लिखा, जिस इतिहास को मास्टर डिस्टॉर्टियन भी दोबारा नहीं लिख सकते, वह यह है कि नेहरू 1952 में 364, 1957 में 371 और 1962 में 361 सीटों के साथ प्रधानमंत्री चुने गए थे। दूसरा, उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेता के लिए लिखा, सीटों की बख़्शीश ढूंढते हुए कई दरवाजे ‘खटाखट खटाखट’ खटखटा रहे हैं।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में लिखा, कार्यवाहक प्रधानमंत्री अपना सिकुड़ा हुआ सीना ठोक कर बोल रहे हैं कि 1962 के बाद से कोई सरकार लगातार तीन बार नहीं चुनी गई है। जिस इतिहास को मास्टर डिस्टॉर्टियन भी दोबारा नहीं लिख सकते, वह यह है कि नेहरू 1952 में 364, 1957 में 371 और 1962 में 361 सीटों के साथ प्रधानमंत्री चुने गए थे। नरेंद्र मोदी को 2024 में 241 सीटें मिली हैं। यह उनके खिलाफ एक प्रचंड जनादेश है, लेकिन वह इसका सम्मान नहीं करना चाहते। निवर्तमान प्रधानमंत्री अब कार्यवाहक प्रधानमंत्री बन चुके हैं।

जयराम रमेश के मुताबिक, देश ने इनके खिलाफ प्रचंड जनादेश दिया है, लेकिन ये डेमोक्रेसी को डेमो-कुर्सी बनाना चाहते हैं। अहंकाराचार्या मोदी और स्वघोषित चाणक्य, अमित शाह, फिक्स्ड मैच खेलने में माहिर हैं। जनता के जनादेश के बाद मोदी-शाह की पार्टनरशिप पहली बार अपने आप को मुश्किलों के घेरे में पा रही है। अब तक एक बॉल फेंकता था, तो दूसरा उस पर छक्का मारता था। अब बॉल, जनता ने फेंकी है। क्या शाहों के शाह फ्रंट फुट पर खेल पायेंगे? क्या निवर्तमान विश्व गुरु सामना कर पाएंगे जनता की फुल टॉस डिलीवरी का?

जयराम रमेश ने लिखा, स्वघोषित चाणक्य, अमित शाह, आखिरकार अपने ही बिछाये जाल में बुरी तरह फंस चुके हैं। जनता को हर कदम पर बेवकूफ बनाने वाले और बड़े से बड़े पूंजीपतियों को आंख दिखाने वाले शाहों के शाह आज हाथ में कटोरा लिए सीटों की बख्शीश ढूंढते हुए कई दरवाजे ‘खटाखट खटाखट’ खटखटा रहे हैं। अहंकार की हर सीमा को कैसे पार किया जा सकता है, यह पिछले दस सालों में नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया है। अहंकार की चारदीवारी को एक बटन दबा कर कैसे तहस-नहस किया जा सकता है, यह इस देश की जनता ने बखूबी कर दिखाया है।