चीन और ताइवान के बीच का माहौल तनावपूर्ण चल रहा है। इसी बीच ताइवान ने चीन को 4 जून को हुई तियानमेन के स्कवायर नरसंहार की घटना याद दिला दी। उन्होंने कहा कि चीन अपने अंदर इस घटना को याद रखने का साहस पैदा करे। दरअसल 4 जून चीन के तियानमेन में भयावह घटना की याद दिलाती है, जहां चीन के सैन्य टैंकों ने लोगों की हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद से राजनीतिक-सामाजिक परिदृश्य काफी बदल गए थे। दरअसल यह घटना तब हुई थी जब चीन में स्वतंत्रता का दौर चल रहा है। 4 जून 1989 को जबक तियानमेन चौक पर कई प्रदर्शनकारी लोग मौजूद थे। 15 अप्रैल 1989 को यह तिआनमेन चौक पर लोग इकट्ठा हुआ। लेकिन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी सेना ने सैन्य टैंक प्रदर्शनकारियों पर चढ़ा दिए।
इस घटना में कितने लोगों की मौत हुई, इसकी सही जानकारी अब तक पता नहीं चल सकी। हालांकि सीसीपी 3000 लोगों के घायल होने की बात करता है। बता दें कि उसी रात विश्वविद्यालय के 36 लोगों की भी हत्या हुई थी। हालांकि चीन ने इस घटना को बिल्कुल भुला दिया है। इस घटना को बीते 35 साल हो चुके हैं।
ताइवान ने कहा कि जलडमरूमध्य के दोनों ओर के लोगों के बीच की दूरी कम की जानी चाहिए। एमएसी ने कहा कि लोकतंत्र, स्वतंत्रता और शांति जैसे सार्वभौमिक सिद्धांत जरूरी हैं। उन्होंने समझाया कि क्रॉस-स्ट्रेट इंटरैक्शन का सार प्रणालियों और जीवन शैली का संघर्ष है। एमएसी ने कहा कि दयालुता और संचार को क्रॉस-स्ट्रेट संबंधों का आधार होना चाहिए।