बरेली: मई की गर्मी में एक बार फिर 36 साल का रिकॉर्ड झुलस गया। अधिकतम तापमान 45.3 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा। इससे पहले वर्ष 1988 में 30 मई को अधिकतम तापमान 45.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। मौसम विभाग ने शनिवार को भी लू का अलर्ट जारी किया है।
शुक्रवार को सुबह से ही तेज धूप रही। दोपहर में गर्म हवा के थपेड़ों ने लोगों को परेशान किया। दोपहर 12 से शाम पांच बजे तक ज्यादातर सड़कों पर वाहनों की आवाजाही सीमित रही। बाजारों में भी सन्नाटा रहा। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ अतुल कुमार के मुताबिक गर्म पछुआ हवा और आसमान साफ होने की वजह से पारा तप रहा है।
रविवार से तापमान में हल्की गिरावट के आसार जताए गए हैं। उन्होंने बताया कि एक जून से बंगाल की खाड़ी से पुरवाई का प्रवेश शुरू होगा। इससे पारा के स्थिर रहने या फिर एक डिग्री तक गिरावट का अनुमान है। वहीं, अगर अनुकूल माहौल बना तो पांच जून से पूर्व तेज हवा के साथ हल्की राहत भी मिल सकती है।
रात के तापमान में गिरावट
दिन का पारा भले तप रहा हो लेकिन शुक्रवार को रात के तापमान में चार डिग्री गिरावट हुई। फिर भी न्यूनतम पारा सामान्य से एक डिग्री अधिक रहा। मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक पहाड़ों की हवा के शहर में प्रवेश करने से रात के तापमान में गिरावट हुई है। आने वाले दिनों और कमी होने का अनुमान है।
ओपीडी में मरीजों की कतार
पारा 45 डिग्री के पार पहुंचने से सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की कतार बढ़ती जा रही है। जिला अस्पताल के मेडिसिन विभाग की ओपीडी में रोज पहुंच रहे मरीजों में से 30-40 में लू के संदिग्ध लक्षण मिल रहे हैं।
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अजय मोहन के मुताबिक प्रचंड गर्मी में सेहत के प्रति जरा सी अनदेखी से लोगों की हालत बिगड़ रही है। ओपीडी में हाथ पैर सुन्न होने, अचानक धुंधला दिखने, सिर चकराने, डिहाइड्रेशन की समस्याओं के मरीज बढ़ गए हैं। सप्ताहभर पहले इस तरह के चार से पांच मरीज आ रहे थे। अब यह संख्या 40 तक पहुंच रही है। उल्टी, दस्त, तेज बुखार और डायरिया की चपेट में आने वालों की भी कतार लग रही है। उन्हें दवा के साथ बचाव का सुझाव भी दिया जा रहा है।