Monday , December 23 2024
Breaking News

महर्षि वाल्मीकि निगम कर्मचारी की आत्महत्या की आगे बढ़ी जांच, आवास से निरीक्षण में मिला बैग

नई दिल्ली:  महर्षि वाल्मीकि निगम के कर्मचारी चंद्रशेखरन के शिवमोग्गा स्थित आवास पर आत्महत्या करने के बाद अपराध जांच विभाग ने बुधवार को आवास का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम को चंद्रशेखरन का बैग भी मिला, जिसमें पेन ड्राइव, लैपटॉप और अन्य सामान था। विनोबानगर के केंचप्पा कॉलोनी निवासी 45 वर्षीय चंद्रशेखरन महर्षि वाल्मीकि विकास निगम के अधिकारी थे, वे बेंगलुरु में कार्यरत थे। रविवार शाम उन्होंने आत्महत्या करने से पहले छह पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था। जिसमें तीन अधिकारियों का नाम और करोड़ों के भ्रष्टाचार का जिक्र किया। विनोबानगर थाने में मुकदमा भी दर्ज किया है।

चंद्रशेखरन की आत्महत्या से राज्य में राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। वहीं भाजपा इसके लिए राज्य सरकार पर निधाना साध रही है। कर्नाटक के भाजपा प्रमुख बीवाई विजयेंद्र ने चंद्रशेखरन की मौत पर पारदर्शी जांच की मांग की है।

अपराध जांच विभाग को चंद्रशेखरन के आवास पर निरीक्षण के दौरान कई साक्ष्य मिले। उनको एक बैग मिला, जिस बैग में पेन ड्राइव, लैपटॉप और अन्य सामान भी मिला। उनकी पत्नी कविता ने कहा कि पेन ड्राइव पर वाल्मीकि निगम के एमडी पद्मनाभन का नाम था। परिवार के सदस्यों ने पेन ड्राइव के बारे में पूछा, जिस पर अधिकारियों ने कोई जवाब नही दिया।

अधिकारियों ने बताया कि जब्त सामान पर हस्ताक्षर करने के लिए उन्हें आधे घंटे बाद पुलिस स्टेशन आना पड़ा। चंद्रशेखरन के परिवार के सदस्यों ने कहा कि अधिकारियों की कार्रवाई से संदेह हुआ। इससे पहले कर्नाटक के डिप्टी सीमए डीके शिवकुमार ने कहा कि गृहमंत्री और मुख्यमंत्री ने पहले ही जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमें मौत की खबर मिली। इसको गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश भी दिए हैं। अपराधियों को सजा मिलेगी।

वहीं कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सीएन अश्वथ नारायण ने कहा, “भारत के इतिहास में पहली बार किसी जिम्मेदार सरकारी अधिकारी ने अपने सुसाइड नोट में मुख्य कारण और जिम्मेदार लोगों का स्पष्ट उल्लेख किया है। घोटाला कैसे हुआ और कैसे सरकारी धन को दुरुपयोग किया गया। एफआईआर में मंत्रियों या मुख्यमंत्री का नाम नहीं है। लेकिन सुसाइड नोट में लिखा है कि उनकी वजह से ऐसा हुआ। सच्चाई सामने लाने के लिए उन्हें अपनी जान देनी पड़ी। यह गैरजिम्मेदार और बेशर्म कांग्रेस सरकार कार्रवाई या जवाब तक नहीं दे रही है।