कलकत्ता हाई कोर्ट ने तृणमूल सरकार (टीएमसी सरकार) की ओर से वर्ष 2010 के बाद जारी सभी ओबीसी प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया। इस पर वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने प्रतिक्रिया दी। हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाई कोर्ट के इस फैसले का विरोध किया है। इस मामले में सिब्बल ने प्रतिक्रिया दी। लोकसभा चुनाव को लेकर सिब्बल ने देश की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा पर कटाक्ष किया। उन्होंने लोगों से भाजपा के 400 पार के दावे को गंभीरता से लेने से मना किया।
लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा को घेरा
लोकसभा चुनाव को लेकर भी कपिल सिब्बल ने भाजपा पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “जो जानकारी मुझे मिल रही वह यह है कि पांचवें, छठें और सातवें चरण में बदलाव हुए हैं। जो रफ्तार पांचवें और छठें चरण में देखा गया, बाकी के चरणों में ऐसा नहीं हुआ। लोग राम मंदिर के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। वे महंगाई, बेरोजगारी और अन्य मुद्दों को उठा रहे हैं। इन चरणों में भाजपा को काफी नुकसान देखने को मिलेगा। अगर मुस्लिम, ओबीसी, एससी, एसटी और यादवों का समीकरण बनाया जाए, तो यह भापजा के लिए नुकसान साबित होगा।” भाजपा के 400 पार के नारे पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि इसे गंभीरता से न लें। उनलोगों (भाजपा) ने केवल मजाक किया है।
ओबीसी प्रमाणपत्र पर कपिल सिब्बल की प्रतिक्रिया
पश्चिम बंगाल में वर्ष 2010 के बाद जारी सभी ओबीसी प्रमाणपत्र को रद्द करने के फैसले पर सिब्बल ने कहा कि हाई कोर्ट के किसी भी निर्णय को अपील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में ले जाया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा, अगर ऐसा होता है तो ममता बनर्जी के पास यह कहने का संविधानिक अधिकार है ‘मुझे नहीं लगता यह फैसला सही है’।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए सिब्बल ने कहा कि जब अरविंद केजरीवाल को राहत दी गई, तब पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल को स्पेशल ट्रीटमेंट कैसे दे सकता है? एक तरफ पीएम मोदी सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करते हैं और दूसरी तरफ ममता बनर्जी कहती है कि ‘मैं यह स्वीकार नहीं करूंगी, मैं सुप्रीम कोर्ट जाऊंगी’।